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सभी विभाग 30 जून तक योजना कराएं स्वीकृत
सीएस ने दिया आदेश नये वित्तीय वर्ष 2017-18 में योजनाओं की पहली समीक्षा की मुख्य सचिव ने पटना : चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर अभी से ही खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर सभी विभागों के शत-प्रतिशत रुपये खर्च हो सके. मुख्य […]
सीएस ने दिया आदेश
नये वित्तीय वर्ष 2017-18 में योजनाओं की पहली समीक्षा की मुख्य सचिव ने
पटना : चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर अभी से ही खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर सभी विभागों के शत-प्रतिशत रुपये खर्च हो सके. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने योजना एवं विकास विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों के साथ मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक योजनाओं में खर्च हुए रुपये की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि सभी विभाग 30 जून तक हर हाल अपने-अपने विभाग में इस वर्ष चलने वाली सभी योजनाओं को योजना प्राधिकृत समिति से स्वीकृत करा लें. बिना इस समिति की स्वीकृति के इस बार किसी भी योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जायेगा. सीएस ने सभी विभागों को आदेश दिया कि वह नयी योजनाओं के क्रियान्वयन का प्लान तैयार करने और इसे लागू कराने में किसी तरह की कोताही नहीं बरते.
जो विभाग निर्धारित समयसीमा के बाद किसी योजना को लेकर आयेंगे, तो पहले उनसे इसका कारण पूछा जायेगा. चालू वित्तीय वर्ष में एक महीने से थोड़ा ज्यादा समय बीते हैं, अब तक सभी योजनाओं में एक हजार करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च हो चुके हैं. सबसे ज्यादा ऊर्जा विभाग ने करीब 950 करोड़ रुपये खर्च किये हैं.
सात निश्चय में शामिल अन्य संबंधित विभागों में भी चल रही योजनाओं में भी खर्च की रफ्तार ठीक है. परंतु जिन विभागों ने अभी तक अपना खाता नहीं खोला है, उन्हें सख्त हिदायत दी गयी कि वे योजनाओं को तैयार करने और इनका क्रियान्वयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दें. बीते वित्तीय वर्ष के दौरान योजनाओं की राशि खर्च करने में जिन कुछ विभागों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है, उन्हें इस बार खासतौर से हिदायत दी गयी. इसमें कृषि, पशुपालन, सहकारिता, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण समेत अन्य विभाग शामिल हैं.
इसके अलावा मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री सात निश्चय में शामिल सभी संबंधित विभागों को खासतौर से अपनी योजनाओं पर ध्यान देने के लिए कहा गया है. घर-घर नल का जल कार्यक्रम के क्रियान्वयन का जिम्मा पीएचइडी के पास है, इसे खासतौर से योजनाओं की मुस्तैदी पर ध्यान देने के लिए कहा गया. बिजली, सड़क, शिक्षा समेत अन्य सभी विभागों को सात निश्चय की योजनाओं के लिए खासतौर से प्लान तैयार कर समय पर एप्रुवल कराने और इनका क्रियान्वयन समय पर पूरा करने के लिए कहा गया.
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