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राज्य सरकार बताये, नाबालिग की शादी रोकने को क्या हो रहे उपाय : हाइकोर्ट
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है, वह कोर्ट को बताये कि अब तक नाबालिग बच्चों की शादी की रोकथाम के लिए कौन से उपाय किये गये हैं. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सामाजिक कार्यकर्त्ता देविका बिश्वास की जनहित याचिका की […]
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है, वह कोर्ट को बताये कि अब तक नाबालिग बच्चों की शादी की रोकथाम के लिए कौन से उपाय किये गये हैं. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सामाजिक कार्यकर्त्ता देविका बिश्वास की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया. याचिकाकर्ता देविका बिश्वास का कहना था कि बच्चों की शादी करना न सिर्फ कानूनन जुर्म है, बल्कि एक सामाजिक अपराध भी. ऐसा करने से बच्चों के भविष्य में आगे बढ़ने की संभावना कम हो जाती है. कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में इस जनहित याचिका का जवाब देने के लिए कहा है.
आइजीआइसी को क्यों नहीं मिले उपकरण
पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है, वह कोर्ट को यह बताये कि अब तक पटना के इंदिरा गांधी इंस्टटीट्यूट ऑफ कार्डियोलोजी को आधुनिक उपकरणों के साथ आॅपरेशन थियेटर क्यों नहीं मुहैया कराया गया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने यह आदेश उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लिए गये मामले पर दिया है.
कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. ज्ञातव्य हो कि आइजीआइसी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है. ऑपरेशन थिएटर ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आवश्यक है. उच्च न्यायालय का इस ओर ध्यान समाचार पत्र में छपी खबरों के बाद गया था और इसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने यह जनहित याचिका स्वतः चलायी थी.
कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश पटना उच्च न्यायालय ने पटना के ट्रैफिक एसपी और एएसपी को 18 मई को पटना शहर में वाहनों के जब्त किये जाने के मामले में कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है. जस्टिस वीरेंद्र कुमार की कोर्ट ने यह आदेश एक अधिवक्ता पंकज की याचिका की सुनवाई के बाद दिया.
किसानों को मिलता रहे पानी
पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वे जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड के धनौती गांव के किसानों के अपने खेतों की सिंचाई के लिए सदियों से चली आ रही गांव के एक बड़े पोखर के पानी को बिना उनके जलकर की व्यवस्था को हानि पहुंचाये चलने दें.
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ती सुधीर सिंह ने विजय प्रकाश की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने उस पोखर से, जो पोखरा नाम से सिंचाई व्यवस्था के लिए चर्चित है. कोर्ट ने कहा कि अगर मछली मारने के लिए निविदा की है तो इस बात का विशेष ध्यान रहे कि इस व्यवस्था से खेतों की सिंचाई के लिए जलकर की व्यवस्था को हानि न पहुंचे.
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