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नियोजित शिक्षकों से फोल्डर लेने की हो रही तैयारी
पटना हाइकोर्ट के आदेश पर सर्टििफकेट की 22 महीनों से चल रही जांच पटना : राज्य के नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच शुरू हुए 22 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी हैं. 22 महीने में साढ़े 72 हजार प्राथमिक स्कूलों की जांच पूरी नहीं हो पायी है. […]
पटना हाइकोर्ट के आदेश पर सर्टििफकेट की 22 महीनों से चल रही जांच
पटना : राज्य के नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच शुरू हुए 22 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी हैं. 22 महीने में साढ़े 72 हजार प्राथमिक स्कूलों की जांच पूरी नहीं हो पायी है.
पटना हाइकोर्ट ने शुरू में सिर्फ दो महीने में जांच प्रक्रिया पूरी करने को कहा था. लेकिन, निगरानी ब्यूराे इस अवधि में इस टास्क को पूरा नहीं कर पाया. लिहाजा हाइकोर्ट की लगातार माॅनीटरिंग के बाद भी अब तक जांच अधूरी है. जिन नियोजन इकाइयों से सर्टिफिकेट के फोल्डर और मेधा सूची नहीं मिल रही है, शिक्षा विभाग वहां के संबंधित शिक्षकों से सर्टिफिकेट का फोल्डर लेने की तैयारी कर रहा है.
उसी सर्टिफिकेट के आधार पर यह भी तय होगा कि जो मेधा सूची तैयार की गयी थी, वह सही थी या नहीं. मेधा सूची गलत पाये जाने पर संबंधित शिक्षकों को तो सेवा से हटाया ही जायेगा, उन पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी जायेगी. हालांकि, अब तक जांच क्रम में करीब 850 नियोजित शिक्षकों को सेवा से हटा दिया गया है, वहीं 350 नियोजन इकायों पर भी शिक्षकों के फोल्डर नहीं देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. वैसे निगरानी जांच शुरू होने पर 2148 शिक्षकों ने खुद ही इस्तीफा दे दिया था.
नियुक्ति की स्वीकृति लेने का मिल सकता है मौका : राज्य के वित्त संपोषित (वित्त रहित) डिग्री कॉलेजों में काम करने वाले शिक्षकों को राज्य सरकार चयन समिति से नियुक्ति की स्वीकृति लेने का एक मौका दे सकती है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है.
राज्य के 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच की यह प्रक्रिया जुलाई, 2015 में शुरू हुई थी. इस प्रक्रिया में अब तक हाइस्कूल के 22 हजार, प्लस टू स्कूल के 11 हजार नियोजित शिक्षकों व करीब दो हजार पुस्तकालय अध्यक्षों के सर्टिफिकेट के फोल्डर निगरानी को उपलब्ध कराये गये. इनकी जांच में करीब दो सौ नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालय अध्यक्षों के सर्टिफिकेट जाली पाये गये या फिर नियुक्ति प्रक्रिया ही गलत साबित हुई. इन सभी को तत्काल सेवा से हटा दिया गया. वहीं, प्रारंभिक स्कूलों के 2.57 नियोजित शिक्षकों में से 50 हजार शिक्षकों के फोल्डर जिलों में नहीं मिल रहे हैं. करीब 350 नियोजन इकाइयां इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर निगरानी को उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं.
इस वजह से इन नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गयी है. जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर निगरानी को मिल सके हैं, उनकी जांच जारी है. अब तक करीब 650 नियोजित शिक्षकों को सेवा से हटाया गया है. इनके सर्टिफिकेट भी जाली व नियुक्ति प्रक्रिया गलत ढंग से हुई थी.
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