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बादशाही नहर पइन पर अतिक्रमण के 45 मामले

पटना : प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर नेे शहर से पानी की निकासी के सबसे बड़े माध्यम बादशाही नहर पइन को पुनर्जीवित करने को लेकर पहल की है. एक माह में इस नहर पइन पर अतिक्रमण के 45 मामले चिह्नित किये गये हैं, जिसे हटाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कार्रवाई की जायेगी. बुधवार को आयोजित […]

पटना : प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर नेे शहर से पानी की निकासी के सबसे बड़े माध्यम बादशाही नहर पइन को पुनर्जीवित करने को लेकर पहल की है. एक माह में इस नहर पइन पर अतिक्रमण के 45 मामले चिह्नित किये गये हैं, जिसे हटाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कार्रवाई की जायेगी. बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त ने प्राथमिकता के आधार पर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बादशाही पइन को तकनीकी दृष्टिकोण से और बेहतर बनाने के लिए नये सिरे से इसकी डीपीआर बननी चाहिए. बादशाही पइन नहर सिंचाई से ज्यादा ड्रेनेज के रूप में ज्यादा उपयोगी होगा. प्रमंडलीय आयुक्त ने नगर विकास एवं आवास विभाग से बादशाही पइन नहर के दीर्घकालीन व अधिक उपयोगिता को ध्यान में रख कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करवाने का अनुरोध किया है.
सबसे अधिक फुलवारी में 22 अतिक्रमण
प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि बादशाही पइन पर फुलवारी अंचल अंतर्गत अतिक्रमण के सबसे अधिक 22 मामले चिह्नित किये गये हैं. इनमें से 17 मामलों मेें अंतिम आदेश पारित किया जा चुका है. पांच मामलों में नौ मई को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गयी है.
इसी तरह, संपतचक अंचल अंतर्गत अतिक्रमण के 12 मामले चिह्नित कर 11 मई की सुनवाई तिथि निर्धारित की गयी है. पटना सदर अंचल अंतर्गत अतिक्रमण के 11 मामलों की सुनवाई 11 मई को होगी. प्रमंडलीय आयुक्त ने जल संसाधन विभागके कार्यपालक अभियंता, संबंधित अंचलाधिकारी एवं
पटना नगर निगम के संबंधित कार्यपालक पदाधिकारी को संयुक्त रूप से स्थल निरीक्षण कर ऐसे अतिक्रमण को
चिह्नित करने का निर्देश दिया है, जिसकी वजह से पानी का बहाव अवरुद्ध है. इसकी संयुक्त जांच रिपोर्ट आठ मई तक देनी है.

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