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पटना जिले के पेट्रोल पंपों की भी हो सकती है जांच
पटना : उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पंपों में चिप लगा कर कम पेट्रोल देने के मामले के कारण अब पटना में भी लोगों के कान खड़े हो गये हैं. आये दिन ग्राहक किसी खास पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल मिलने की शिकायत करते दिखते हैं. खास बात है कि पेट्रोल पंपों की जांच को लेकर […]
पटना : उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पंपों में चिप लगा कर कम पेट्रोल देने के मामले के कारण अब पटना में भी लोगों के कान खड़े हो गये हैं. आये दिन ग्राहक किसी खास पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल मिलने की शिकायत करते दिखते हैं. खास बात है कि पेट्रोल पंपों की जांच को लेकर पेट्रोलियम कंपनी से लेकर जिला प्रशासन तक की जिम्मेवारी तय है, लेकिन इसको फॉलो नहीं किया जाता.
विभाग के अधिकारी आज भी मैनुअली जांच करते हैं. इस कारण किस पेट्रोल पंप पर क्या खेल हो रहा है, इसेे बताना मुश्किल है. अधिकारियों ने बताया कि विभाग हर दो-तीन माह पर पेट्रोल पंपों का औचक निरीक्षण करता है, लेकिन जांच में सब सही पाया जाता है. इस कारण कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पेट्रोल पंपों में चिप लगा कर तेल की कम आपूर्ति के मामले को गंभीरता से लिया है और अन्य दूसरे राज्याें में भी औचक निरीक्षण करने की बात कही है. उल्लेखनीय है कि पटना जिले में तीनों तेल कंपनियों के 156 पेट्रोल पंप हैं.
जांच इंस्पेक्टर को आधुनिक तकनीक की जानकारी नहीं : नाम न छापने के शर्त पर अधिकारी ने बताया कि विभाग में जांच करनेवाले इंस्पेक्टर को आधुनिक तकनीक की जानकारी नहीं है. इस कारण मामला पकड़ में नहीं आ पाता है. आज तक जांच अधिकारियों को इसके लिए कभी प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है.
इस कारण पंप में लगे चिप्स आदि के बारे में हमें कुछ जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है. विभाग के अधिकारी मैनुअली जांच कर खानापूर्ति करते हैं. अधिकारी का कहना है कि इस तरह का मामला पहली बार उजागर हुआ है, जहां पेट्रोल पंपों पर ग्राहक को हर लीटर पर 50 मिलीलीटर कम आपूर्ति की जाती थी. ग्राहकों को सही मात्रा में उत्पादों की आपूर्ति हो, इसकी जिम्मेवारी राज्य सरकार की होती है.
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