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बाल विवाह से पीड़ित लड़की की मदद करने पहुंचे एसडीएम

पटना : बाल विवाह और उसके बाद पति की प्रताड़ना से डर के साये में जी रही पीड़िता को अब न्याय मिला है. अब वह अपनी पढ़ाई भी कर सकेगी और जिंदगी में आगे का सफर अपनी मरजी से तय कर पायेगी. जी हां, हम बात कर रहे हैं बगहा की रहनेवाली सोनी (बदला हुआ […]

पटना : बाल विवाह और उसके बाद पति की प्रताड़ना से डर के साये में जी रही पीड़िता को अब न्याय मिला है. अब वह अपनी पढ़ाई भी कर सकेगी और जिंदगी में आगे का सफर अपनी मरजी से तय कर पायेगी. जी हां, हम बात कर रहे हैं बगहा की रहनेवाली सोनी (बदला हुआ नाम) की.
बाल विवाह होने से उसकी पढ़ाई छूट गयी थी. पीड़िता के इस दर्द को प्रभात खबर ने 29 अप्रैल के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया. दूसरे ही दिन बगहा के एसडीएम धर्मेंद्र कुमार ने इस मामले का संज्ञान लिया. पीड़िता से सारी बातें जानीं. उसके बाद पीड़िता का नामांकन हरनाटाड़ कस्तूरबा गांधी विद्यालय में करवाया. पीड़िता के स्कूल में नामांकन के बाद एसडीएम ने पीड़िता के पति पर बाल विवाह निरोध अधिनियम के तहत थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करवायी . यहां बता दें कि वह पढ़ना चाहती थी, लेकिन स्थानीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय में उसका नामांकन नहीं हो पा रहा था. परेशान सोनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गुहार लगायी.
पीड़िता सोनी के बाल विवाह के मामले के सामने आने के बाद कई और अभिभावक जागरूक हुए. बाल विवाह को लेकर कई और केस प्रशासन के सामने आ रहे हैं. ज्ञात हो कि इस एरिया में आये दिन बाल विवाह होता रहता है. अभी लगन का समय है. इस कारण हर तीसरे दिन किसी-न-किसी लड़की की शादी हो जा रही है. यूनिसेफ के यूनाइटेड नेशंस प्राइनेशियल डिस्क्लोजर प्रोग्राम के जेंडर एलांयस के नदीम नूर ने बताया कि बिहार के कई क्षेत्रों में बाल विवाह हो रहे हैं. कम उम्र में बेटियों का विवाह कर लोग निश्चिंत हो जाते है.

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