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मई तक गंगा किनारे के गांव होंगे ओडीएफ
शराबबंदी का सख्ती से पालन का िनर्देश मुख्यमंत्री ने देखी श्याम बेनेगल की िफल्म ‘द मेकिंग ऑफ महात्मा’ 17 को एसएलबीसी की बैठक में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर खास चर्चा पटना : राज्य में गंगा किनारे स्थित सभी गांवों को मई के अंत तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) कर दिया जायेगा. पटना जिले […]
शराबबंदी का सख्ती से पालन का िनर्देश
मुख्यमंत्री ने देखी श्याम बेनेगल की िफल्म ‘द मेकिंग ऑफ महात्मा’
17 को एसएलबीसी की बैठक में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर खास चर्चा
पटना : राज्य में गंगा किनारे स्थित सभी गांवों को मई के अंत तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) कर दिया जायेगा. पटना जिले में गंगा किनारे बसे 56 गांवों में 26 ओडीएफ घोषित हो चुके हैं.
स्वच्छ भारत योजना और सात निश्चय में शामिल इस योजना को हर हाल में प्राथमिकता के आधार पर तय समयसीमा में पूरा करने का आदेश मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने सभी डीएम को दिया है. मुख्य सचिव ने शुक्रवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में सभी जिलों के डीएम एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर सात निश्चय समेत अन्य सभी योजनाओं की गहन समीक्षा की.
उन्होंने कहा कि स्वच्छता, पेयजल, शिक्षा, आपदा समेत अन्य सभी महकमों की उन तमाम योजनाओं पर खास तौर से फोकस करें, जो खासतौर से सात निश्चय में शामिल हैं. मुख्य सचिव ने सभी जिलों को राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून का पालन पूरी सख्ती से कराने का भी निर्देश दिया और कहा कि इसमें कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. अवैध शराब की बरामदगी की बढ़ रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पर चौकसी और चेकिंग को ज्यादा पैनी की जाये. इसके लिए इंटेलिजेंस के स्तर पर भी ज्यादा चौकसी बरतने के लिए कहा गया.
मुख्य सचिव ने कहा कि गरमी के मौसम में अगलगी की समस्या से निबटने और इसे लेकर एहतियात के तमाम इंतजाम करने का निर्देश सभी जिलों को दिया है. अगलगी की घटना होने पर स्पॉट पर जल्द-से-जल्द दमकल गाड़ियां और अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कहा गया है. उन्होंने अभी से ही बाढ़ की समस्या से निबटने के लिए सभी स्तर पर तैयारी शुरू करने के लिए भी कहा. बांध, नहर और अन्य सभी जलमार्गों और बाढ़ के संभावित इलाकों में तैयारी शुरू कर देने के लिए कहा है.
राज्य की 60 पंचायतों में पेयजल संकट
मुख्य सचिव ने कहा कि गरमी के मौसम में पेयजल संकट पर खासतौर से ध्यान दें. किसी जिले में पेयजल की समस्या का समाधान तुरंत करने का सख्त निर्देश देते हुए कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही बरदाश्त नहीं होगी. कुछ स्तर पर गड़बड़ी सामने आने पर कई संबंधित अधिकारियों को जम कर फटकार भी लगी. समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि इस मौसम में राज्य की 60 पंचायतों में पेयजल संकट सामने आया है. इसमें गया, जमुई समेत अन्य जिलों की पंचायतें शामिल हैं.
इन पंचायतों में टैंकर से पानी पहुंचाने की व्यवस्था करने के अलावा जिन ट्यूबवेल या चापाकलों का वाटर लेवल नीचे चला गया है, उनकी गहराई बढ़ाने के लिए पीएचइडी को कहा गया है. पीएचइडी को प्राथमिकता के आधार पर चापाकलों में पाइपों की लंबाई बढ़ाने या इनकी खुदाई ज्यादा गहरी करने का आदेश दिया. इसके अलावा मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के लिए कहा गया. इसके लिए सभी पंचायतों में विभाग की तरफ से भेजे गये मॉडल एस्टिमेट के तहत ही कार्य कराने का निर्देश दिया गया है. घर-घर नल का जल योजना सुचारु ढंग से चलाने के लिए मॉडल एस्टिमेट का ही पालन करने को कहा है.
जमीन के अटकी सड़क योजनाओं को जल्द करें पूरा
राज्य में जमीन की कमी के कारण बड़ी संख्या में एनएच और सड़क निर्माण की अन्य बड़ी योजनाएं लंबित पड़ी हुईं हैं. इनमें पटना-गया-डोभी, पटना-बक्सर, पटना-मोकामा फोरलेन समेत ऐसी कुल 55 योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं में जमीन अधिग्रहण का कार्य तेजी से कराने का आदेश संबंधित डीएम को दिया गया है. सड़क निर्माण के सभी कार्यों में जमीन की किल्लत को जल्द दूर कराने को कहा गया है. इसके अलावा सभी जिलों में पूरी तरह से बन कर तैयार हो चुके सभी स्तर के सरकारी भवनों का पूरा उपयोग करने के लिए कहा गया है.
सेवा के अधिकार पर पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई
राज्य में आम लोगों को समय पर सभी सेवाएं उपलब्ध कराने और इसमें आनाकानी करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. बिहार जन शिकायत निवारण अधिनियम में आनेवाली कुल शिकायतों में अब तक 17 फीसदी मामले लंबित पड़े हैं. इन मामलों में संबंधित प्राधिकार सुनवाई नहीं कर रहे या इस कानून का पालन करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.
ऐसे सभी संबंधित प्राधिकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश मुख्य सचिव ने दिया है. इसकी गति जिन जिलों, प्रखंडों या अन्य प्राधिकार में बेहद धीमी है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
अन्य योजनाओं की भी हुई समीक्षा
इस दौरान मुख्य सचिव ने गृह विभाग की मंदिर और कब्रिस्तान की घेराबंदी, जमीन संबंधित विवाद, जमीनों का कंप्यूटराइज्ड रेकॉर्ड तैयार करने की योजना, मध्याह्न भोजन योजना, एससी-एसटी छात्रवृत्ति, सहकारिता के अलावा समाज कल्याण से जुड़ी अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गयी.
17 को एसएलबीसी की बैठक में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर खास चर्चा
समीक्षा बैठक के दौरान स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (एससीसी) की स्थिति पर भी चर्चा हुई. अधिकतर जिलों से यह बात सामने आयी कि जिला कार्यालय से आवेदनों की अनुशंसा कर भेजने के बाद भी बैंकों में अंतिम मंजूरी नहीं मिल पा रही है. इस वजह से बड़ी संख्या में आवेदन बैंकों में अटके पड़े हैं. इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि 17 मई को एसएलबीसी (राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी) की बैठक होने जा रही है.
इसमें इस बार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की स्थिति और इसमें बैंक के स्तर पर आवेदनों के निबटारे में आ रही समस्या को लेकर खासतौर से चर्चा की जायेगी. बैंकवालों के साथ सरकार इस समस्या के समाधान पर गंभीरता से बात करेगी. इसके अलावा यह बात भी सामने आयी मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता में अब तक 42 हजार युवाओं को जोड़ा जा चुका है.
पटना . सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ‘द मेकिंग ऑफ महात्मा’ फिल्म देखी. श्याम बेनेगल की इस फिल्म में दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के संघर्ष व आंदोलन को दिखाया गया है. फिल्म का शो हजभवन के ऑडिटोरियम में किया गया था. फिल्म देखने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि पिछले दिनों भी इस फिल्म को दिखाया गया था. पर मैं विभागीय कार्यक्रम की वजह से नहीं आ सका था. मुख्यमंत्री ने इसकी तारीफ की थी. यह फिल्म गांधी के संघर्ष, बलिदान को दिखाता है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में शांति, प्रेम व अहिंसा के जरिये आंदोलन किया और सफल हुए. आज नफरत व हिंसा के हालात हैं, ऐसे में गांधी की विचारधारा आज और भी प्रासंगिक हो गयी है. िफल्म देखनेवालों में कला व संस्कृति मंत्री शिवचंद्र राम, डीजीपी पीके ठाकुर भी शामिल थे.
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