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बिहार-प बंगाल के 13 रूटों पर बढ़ेगी सुविधा
बसों के परिचालन को लेकर जारी हुआ परमिट पटना : बिहार-पश्चिम बंगाल के बीच 13 रूटों पर आवागमन में यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी. पटना, राजगीर, मुजफ्फरपुर, छपरा, बांका, जोगबनी, कटिहार, सहरसा, मधुबनी व दरभंगा से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जगहों के लिए परमिट जारी हुआ है. इसमें पश्चिम बंगाल के हावड़ा, सिलीगुड़ी, कोलकाता, दुर्गापुर, रायगंज […]
बसों के परिचालन को लेकर जारी हुआ परमिट
पटना : बिहार-पश्चिम बंगाल के बीच 13 रूटों पर आवागमन में यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी. पटना, राजगीर, मुजफ्फरपुर, छपरा, बांका, जोगबनी, कटिहार, सहरसा, मधुबनी व दरभंगा से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जगहों के लिए परमिट जारी हुआ है.
इसमें पश्चिम बंगाल के हावड़ा, सिलीगुड़ी, कोलकाता, दुर्गापुर, रायगंज के लिए परमिट स्वीकृत हुआ है. बिहार के विभिन्न जगहों से सिलीगुड़ी के लिए सबसे अधिक परमिट जारी होने से लोगों को सुविधा मिलेगी. गुरुवार को राज्य परिवहन प्राधिकार (एसटीए)ने 13 रूटों पर बसों के परिचालन को लेकर परमिट स्वीकृत किया. हर रूट पर परमिट की संख्या अलग-अलग है. परमिट मिलने के बाद इन रूटों पर बसों का परिचालन शुरू होगा. एक माह के अंदर बस ऑपरेटर परमिट लेकर बसों का परिचालन शुरू कर सकते हैं. बिहार-पश्चिम बंगाल के बीच नये समझौते के तहत 45 रूटों को चिह्नित किया गया. इन रूटों पर रिक्ति के अनुसार बसों के परिचालन को लेकर परमिट जारी हुआ है. राज्य परिवहन आयुक्त राम किशोर मिश्र ने बताया कि राज्य परिवहन प्राधिकार(एसटीए) की बैठक में 13 रूटों पर परमिट स्वीकृत हुआ है.
इसमें मुजफ्फरपुर-हावड़ा, मुजफ्फरपुर-सिलीगुड़ी, छपरा-सिलीगुड़ी, राजगीर-कोलकाता, बांका-सिलीगुड़ी, पटना-दुर्गापुर, पटना-सिलीगुड़ी, जोगबनी-सिलीगुड़ी, सहरसा-सिलीगुड़ी, मुजफ्फरपुर-सिलीगुड़ी, कटिहार-रायगंज, मधुबनी-सिलीगुड़ी व दरभंगा-सिलीगुड़ी रूट शामिल है. परिवहन विभाग ने पिछले साल विभिन्न मदों में लगभग 1250 करोड़ रुपये राजस्व संग्रहण किया.
विभाग ने पिछले साल 1500 करोड़ राजस्व संग्रहण करने का लक्ष्य रखा था.समीक्षा बैठक में अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रहण लक्ष्य पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया.
उत्तर बिहार में 16 नयी सड़कों के विस्तार की डीपीआर तैयार होगी. सभी सड़कों को साढ़े पांच मीटर चौड़ा किया जायेगा. सभी सड़कें पिछले कुछ सालों में ग्रामीण कार्य विभाग से मिली है. अधिकांश सड़कों के विस्तार का काम नाबार्ड से होना है. विभागीय प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने अभियंताओं के साथ सड़क निर्माण की प्रगति की जानकारी ली. समीक्षा बैठक में उत्तर बिहार में हो रहे सड़क निर्माण के अलावा सड़कों के मेंटेनेंस की प्रगति पर चर्चा हुई.
इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क निर्माण की भी समीक्षा हुई.
इसमें सड़क निर्माण को लेकर जमीन अधिग्रहण व मुआवजा वितरण में तेजी लाने का निर्देश किया गया. इसके अलावा निर्माण हो रहे अन्य सड़कों की वास्तविक स्थिति की जानकारी संबंधित अभियंताओं से ली गयी. चालू वित्तीय वर्ष में उत्तर बिहार में 16 नयी सड़कों के निर्माण पर काम शुरू होगा. सभी सड़कों के डीपीआर तैयार करने का संबंधित जिले में कार्यपालक अभियंताओं को मिला है. अभियंताओं काे सड़क का डीपीआर शीघ्र तैयार करने को कहा गया है ताकि सड़क निर्माण में खर्च होनेवाली राशि की जानकारी मिल सके.
इसमें अधिकांश सड़कों का निर्माण नाबार्ड के सहयोग से होना है. कुछ सड़कें राज्य योजना में शामिल है. बैठक में अभियंता प्रमुख लक्ष्मी नारायण दास, उत्तर बिहार के मुख्य अभियंता अमीर हसन, मॉनीटरिंग के मुख्य अभियंता चमन प्रकाश सिन्हा, अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र कुमार सिंह व ब्रज कुमार ओझा सहित कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे.
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