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अनुपस्थित अफसरों पर कार्रवाई
पटना : जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के वार्डों में भरती मरीजों को मच्छरदानी मिले. किसी भी पीएचसी में रोगियों को मच्छर से बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये गये हैं. इंडोर पेशेंट विशेष कर नवजात शिशुओं को मच्छर के प्रकोप से बचाने के उद्देश्य से सभी अस्पतालोंं के वार्ड के हर बेड […]
पटना : जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के वार्डों में भरती मरीजों को मच्छरदानी मिले. किसी भी पीएचसी में रोगियों को मच्छर से बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये गये हैं. इंडोर पेशेंट विशेष कर नवजात शिशुओं को मच्छर के प्रकोप से बचाने के उद्देश्य से सभी अस्पतालोंं के वार्ड के हर बेड के लिए मच्छरदानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये.
ये बातें गुरुवार को जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि टीकाकरण के कार्य में कोताही बरतने के लिए गर्दनीबाग एवं राजवंशी नगर के स्लम बस्ती की सेविकाएं को चिह्नित किया जाये. वहीं पांच चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कारवाई की अनुशंसा की गयी.
बाढ़ पीएचसी की डाॅ संगीता वर्मा, धनरूआ पीएचसी के डाॅ कमला कांत सिन्हा, पालीगंज पीएचसी की डॉ श्वेता प्रभाकर, पटना सदर की डाॅ अंजना कुमारी एवं डाॅ सीमा कुमारी लंबी अवधि से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं. डीएम द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए इन चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रपत्र (क) में आरोप गठित कर विभागीय कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुशंसा की जायेगी.
जिलाधिकारी ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में सबसे बेहतर प्रदर्शन करनेवाले तीन चिकित्सा पदाधिकारियों, तीन एएनएम एवं तीन आशा कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया गया. वहीं खराब प्रदर्शन करनेवाले तीन चिकित्सा पदाधिकारी, तीन एएनएम एवं तीन आशा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सभी एएनएम द्वारा विगत छह माह में किये गये कार्यों की समीक्षा करें तथा इसकी एक तथ्यात्मक विवरणी बना कर जिला को उपलब्ध कराएं ताकि लापरवाह एवं कार्य के प्रति शिथिल एएनएम के विरुद्ध कार्रवाई की जाये.
यह दिया गया निर्देश
सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अपने क्षेत्र के अंतर्गत स्लम बस्तियों में शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराएं.
ऑपरेशन दृष्टि के अंतर्गत 5702 मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन किया गया है.जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि ‘ऑपरेशन दृष्टि’ में अगला कदम आइ ट्रांसप्लांटेशन है. जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अपने क्षेत्र के अंतर्गत निरीक्षण करें एवं ऐसे दृष्टि बाधित व्यक्तियों को चिह्नित करें, जिनकी आंख की रोशनी वापस आने की थोड़ी भी संभावना है. जिला प्रशासन ऐसे व्यक्तियों के आंख की रोशनी वापस करने के लिए सभी तरह के प्रयास करेगी.
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