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जवानों पर हमला केंद्र की इच्छाशक्ति पर सवाल : राजीव
पटना : जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा के जंगल में माओवादियों के हमले से 25 जांबाज जवानों की शहादत से पूरा देश हतप्रभ और गमगीन है. किसी ने पति, किसी ने पिता, किसी ने बेटाऔर किसी ने भाई खोया है. इस बर्बर हिंसा ने केंद्र व […]
पटना : जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा के जंगल में माओवादियों के हमले से 25 जांबाज जवानों की शहादत से पूरा देश हतप्रभ और गमगीन है. किसी ने पति, किसी ने पिता, किसी ने बेटाऔर किसी ने भाई खोया है. इस बर्बर हिंसा ने केंद्र व छत्तीसगढ़ सरकार की कार्यक्षमता और इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े कर दिये हैं.
क्या कारण है कि मोदी राज में कहीं भी हिंसा रुकती नहीं है? इसका खामियाजा निर्दोष नागरिकों और जांबाज सुरक्षाकर्मियों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है. यह कैसी कुम्भकर्णी नींद है, जिससे सरकार जाग नहीं रही. क्या मोदी राज का मकसद हिंसा रोकने की बजाय हिंसा को जारी रखने का है? उन्होंने कहा कि देश में नौ राज्यों के 107 जिले नक्सल प्रभावित हैं, साल 2014 से 28 फरवरी 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 3419 घटनाओं में 638 नागरिकों की मौत हुई, जबकि 226 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं.
2014 मं 88 जवान, 2015 में 59, 2016 में 64 और 2017 के जनवरी-फरवरी में 14 जवान शहीद हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार को समग्र प्रयास करना चाहिए. विकास और कल्याण के सघन कार्यक्रम चलाने से लेकर उन क्षेत्रों में ज्यादा प्रभावकारी और सुरक्षित तरीके से काम करने के लिए विशेष रूप से प्रशक्षिति सुरक्षाबलों की तैनाती तक, सभी जरूरी कदम एकसाथ उठाने होंगे.
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