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अब महावीर हृदय अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा
पटना : महावीर हृदय अस्पताल में आनेवाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अगले तीन महीने के अंदर मरीजों को ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा मिलेगी. सर्जरी पर होनेवाला खर्च भी दूसरे अस्पतालों की तुलना में काफी कम होगा. यह कहना है महावीर हृदय रोग अस्पताल के निदेशक व विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार का. […]
पटना : महावीर हृदय अस्पताल में आनेवाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अगले तीन महीने के अंदर मरीजों को ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा मिलेगी. सर्जरी पर होनेवाला खर्च भी दूसरे अस्पतालों की तुलना में काफी कम होगा. यह कहना है महावीर हृदय रोग अस्पताल के निदेशक व विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार का.
24 अप्रैल को हृदय रोग विभाग के एक साल पूरे होने के पूर्व रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. आनेवाले दिनों में यहां ओपन हार्ट सर्जरी के अलावा बाइपास सर्जरी, ब्लॉक रिप्लेसमेंट आदि की सुविधा मिलेगी. डॉ अशोक ने बताया कि दिल में छेद होने पर बच्चों में बिना सर्जरी किये डिवाइस क्लोजर लगा कर छेद को बंद किया जाता है. सालगिरह पर यहां जागरूकता कार्यक्रम व मंगलवार को नि:शुल्क जांच की व्यवस्था की गयी है.
राजधानी के पास, फिर भी कोसों दूर विकास
प्रभात खबर की ओर से रविवार को कुर्जी स्थित भगेरा आश्रम पंचायत भवन में दूसरा प्रभात चौपाल का आयोजन किया गया. इसमें पूर्व के दीघा और मैनपुरा ग्राम पंचायत से नगर निगम में शामिल होनेवाले वार्ड 22 ए व 22 बी की जनता ने भाग लिया.
लोगों के सवालों के जवाब देने के लिए स्थानीय जन प्रतिनिधि भी मौजूद थे. चौपाल के माध्यम से लोगों ने अपनी बात बड़ी बेबाकी से रखीं. सभी लोगों की समस्याओं के पीछे इस बात पर जोर था कि इतने दिनों तक हम लोग राजधानी के पास रहते हुए भी विकास से कोसों दूर रहे, बुनियादी जरूरतों से जूझते रहे और परेशानियों को झेला. मगर अब जब हमारा क्षेत्र नगर निगम से जुड़ा है, तो सूरत बदलनी चाहिए. कुछ लोगों ने पूर्व के मुखिया के काम को सराहा. वहीं, कुछ लोगों ने नगर निगम के काम और उसकी लापरवाही की बातें कहीं. इस मौके पर निवर्तमान से लेकर भावी प्रत्याशियों तक ने सवालों के जवाब दिये.
चौपाल की शुरुआत में सबसे पहले जलजमाव कीसमस्या को लोगों ने उठाया. हर वर्ष नाला जाम होने से लेकर नगर निगम की ओर से नाले की सफाई नहीं होने पर लोगों ने कड़ी आपत्ति जतायी. लोगों ने अपने दर्द को साझा करते हुए कहा कि चाहे संत माइकल के सामने सड़क पर जलजमाव की बात हो, कुर्जी बालू पर, मखदुमपुर से लेकर वाजिदपुर तक जलजमाव की समस्या हो, हम लोग हर वर्ष परेशानी झेलनी है. कई जगहों पर तो छह माह तक पानी नहीं निकलता है. कुर्जी मुख्य सड़क पर पानी लगने की समस्या पुरानी है. वहीं, दूसरी तरफ क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम नहीं है. कुर्जी मेन नाले में अासपास की नलियां मिलती है, लेकिन संप हाउस नहीं है. इस कारण पानी नहीं निकल पाता. नालों की उड़ाही नगर निगम की ओर से नहीं की जाती.
पश्चिमी मैनपुरा व दीघा से लेकर पूरे क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर भारी गड़बड़ी है. वहीं, कई आवश्यक लोगों को लक्ष्मीबाई पेंशन नहीं मिल रही है. आधार कार्ड, बैंक खाते से लेकर कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. पूरे क्षेत्र में राशन कार्ड से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन व वृद्धा पेंशन लोगों को नहीं मिल रहे हैं. विकलांग पेंशन को लेकर भी लोग सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. लगभग आठ माह से लोगों को पेंशन नहीं मिली है. चौपाल में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की शिकायत लेकर आने वालों की संख्या अधिक थी. लोग बैंक की लापरवाही को सबसे दोषी बता रहे थे. लगभग दस हजार से अधिक लोग पूर्व के पांचों पंचायतों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन पानेवालों में हैं. इनमें से 50 फीसदी लोगों को पेंशन नियमित नहीं मिल रही है.
जहां तक इस क्षेत्र में सफाई की बात है, तो वार्ड 22बी या 22ए में सफाई की स्थिति काफी खराब है. छह अप्रैल से निगम ने इस वार्ड के लिए डोर-टू-डोर कचरा उठाव का कार्यक्रम शुरू कर दिया है. बावजूद इसके अभी तक एजेंसी कहीं से कचरा का उठाव नहीं कर रही है.
मुख्य सड़क की डस्टबीन से सप्ताह में दो से तीन दिन कचरा का उठाव किया जाता है, लेकिन हामिदपुर, दीघा, मखदुमपुर से लेकर वाजिदपुर, फेयर फील्ड कॉलोनी से लेकर शिवाजी नगर, कुर्जी विकास नगर, पाटलिपुत्र से लेकर गोशाला तक कचरे का उठाव नहीं किया जाता. वहीं कुर्जी और मुख्य मार्ग से लेकर दीघा सब्जी बाजार में जाम की समस्या पुरानी है. इसके साथ ही इस क्षेत्रों के विकास के लिए निगम में कोई योजनाएं नहीं चल रही है.
पूर्व के पांच पंचायत यानी अभी के तीन वार्ड 22 ए, 22 बी व 22 सी में पानी सप्लाइ की समस्या काफी पुरानी है. वार्ड 22 ए व बी में कुल तीन बोरिंग है. इसमें एक कुर्जी भगेरा आश्रम के पीछे पुरानी पानी टंकी है. जर्जर पाइपलाइन से लोगों को गंदा पानी ही मिलता है. इसके अलावे बांस कोठी और हामिदपुर की पुरानी बोरिंग को चेंज किया गया है.
बांस कोठी में अभी काम चल रहा है, लेकिन पाइपलाइन को नहीं बदला गया है. लोहे की जर्जर पाइपलाइन कई जगहों से फट चुकी है. गरमी के दिनों में आये दिन कहीं-न-कहीं लीकेज हो जाता है. बोरिंग चलने के आधा घंटा तक घरों में गंदा पानी आता है. इस कारण लोगों को पानी की किल्लत सालों भर होती है. अन्य वार्डों की तरह यहां पांच समरसेबल लगाने का प्रस्ताव नहीं किया गया है.
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