दया की दोनों किडनियां खराब हो गयी थीं. आइजीआइएमएस में किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया गया. फिलहाल, मां और बेटे दोनों स्वस्थ हैं. बड़ी बात तो यह है कि आइजीआइएमएस के डॉक्टर ने स्वतंत्र रूप से किडनी का ट्रांसप्लांट किया. हालांकि, दिल्ली एम्स के डॉ वी शीनू भी मौके पर मौजूद थे. रविवार को भी एक किडनी का ट्रांसप्लांट किया जायेगा. अस्पताल का यह 21वां किडनी ट्रांसप्लांट था.
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मां ने अपनी एक किडनी देकर बचायी बेटे की जान
पटना : मां आखिर मां है, उसकी जगह कोई नहीं ले सकता. वह न केवल अपने बच्चे को जन्म देती है, बल्कि अपने जिगर के टुकड़े की जान बचाने के लिए हर संभव जतन भी करती है. शनिवार को आइजीआइएमएस अस्पताल में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. मुजफ्फरपुर से आयी कांता देवी (45 वर्ष) […]
पटना : मां आखिर मां है, उसकी जगह कोई नहीं ले सकता. वह न केवल अपने बच्चे को जन्म देती है, बल्कि अपने जिगर के टुकड़े की जान बचाने के लिए हर संभव जतन भी करती है. शनिवार को आइजीआइएमएस अस्पताल में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. मुजफ्फरपुर से आयी कांता देवी (45 वर्ष) ने अपने 25 वर्षीय बेटे दया शंकर प्रसाद को अपनी किडनी देकर उसकी जान बचायी.
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