एसआइटी ने अपनी जांच को पेपर लीक तक ही सीमित कर दिया है, एसआइटी पांच मई तक चार्जशीट कर देगी. वहीं, एसआइटी ने किसने गलत ढंग से पैरवी की, किस पद के लिये की, इसकी पड़ताल करने के बजाय संबंधित विभाग को जानकारी देकर पल्ला छुड़ा ली है. एसएसपी का कहना है कि एसआइटी का गठन पेपर लीक की जांच के लिए हुई थी. जांच के दौरान जो तथ्य सामने आये हैं, उस पर अगर संबंधित विभागों को जांच करनी है, तो वह केस दर्ज कराएं. फिर आगे आवश्यक कदम उठाया जायेगा. एसआइटी की ओर से कोर्ट और संबंधित विभागों को यह जानकारी भेजी जा चुकी है कि एएनएम समेत अन्य पदों के चयन के लिए नेता, मंत्री और विधायक ने पैरवी की थी.
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BSSC पेपर लीक मामला : सुधीर के भांजा समेत दो और रिश्तेदारों की तलाश तेज
पटना :बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी जिन तीन लोगों को खोज रही है, वह आइएएस सुधीर कुमार के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं. इसमें उनका एक भांजा भी शामिल है. एसआइटी की अनुसंधान में तीनों लोगों के खिलाफ सबूत मिले हैं और पेपर लीक मामले में उनकी भूमिका है. अब एसआइटी तेजी से उन्हें […]
पटना :बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी जिन तीन लोगों को खोज रही है, वह आइएएस सुधीर कुमार के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं. इसमें उनका एक भांजा भी शामिल है. एसआइटी की अनुसंधान में तीनों लोगों के खिलाफ सबूत मिले हैं और पेपर लीक मामले में उनकी भूमिका है. अब एसआइटी तेजी से उन्हें तलाश रही है. कई जगहों पर छापेमारी हुई है, लेकिन आरोपित अभी पकड़े नहीं गये हैं. दबिश जारी है. सूत्रों कि मानें, तो एसआइटी अब इस केस को समेटने में लगी है.
पेपर सेट कराने में खर्च किये गये पांच करोड़
बीएसएससी पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसआइटी को यह जानकारी मिली है कि परीक्षा के लिए पेपर सेट कराने के नाम पर आयोग की तरफ से करीब पांच करोड़ रुपये खर्च किये गये थे. चूंकि यह गोपनीय प्रक्रिया के तहत होता है और अध्यक्ष को इसे करना होता है, इसलिए इस तरह के खर्च का आॅडिट भी नहीं कराया जाता है. लेकिन, व्यावहारिक रूप में पेपर सेट करने के नाम पर पांच करोड़ खर्च करने की बात को हेरफेर माना जा रहा है. एसआइटी ब्योरा विभाग को भेजने वाली है.
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