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छोटे-छोटे कदमों से जीत की ओर वंचित बेटियां

बिहार को कराटे में दिलाया गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल अनुपम कुमारी पटना : प्रतिभा किसी परिचय की मुहताज नहीं होती. वह गलियों-कूचियों से निकल कर अपना मुकाम हासिल कर ही लेती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है दलित और गरीब समुदाय में जन्मी बेटियों ने, जो कल तक स्कूल और पढ़ाई से कोसों […]

बिहार को कराटे में दिलाया गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल
अनुपम कुमारी
पटना : प्रतिभा किसी परिचय की मुहताज नहीं होती. वह गलियों-कूचियों से निकल कर अपना मुकाम हासिल कर ही लेती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है दलित और गरीब समुदाय में जन्मी बेटियों ने, जो कल तक स्कूल और पढ़ाई से कोसों दूर थी. पर आज स्लम और दलित बस्तियों की प्रतिभा बन चुकी हैं. जी हां, चौथे गेजोरियो राज्यस्तरीय कराटे प्रतियोगिता में पटना की टीम में शामिल गरीब और वंचित समुदाय की बेटियों ने गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीत कर अपनी प्रतिभा को साबित किया है. ये बच्चियां गरीब परिवार से हैं. कुछ तो अनाथ भी हैं.
इससे वह अनाथ आश्रम रेनबो होम में रह कर पढ़ाई कर रही है. रविवार (नौ अप्रैल) को मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर में अायोजित प्रतियोगिता में ओवरऑल चैंपियनशिप का खिताब जीत कर सोमवार को पटना लौटने पर उन्हें रेनबो होम की ओर से सम्मानित किया गया.
कराटे की नानी बनी काजल : आठ वर्षीय काजल कन्या मध्य विद्यालय गोलघर पार्क में चौथी कक्षा की छात्रा है. पर वह अब कराटे में राज्यस्तरीय चैंपियनशिप का खिताब जीत चुकी है. वह सिल्वर और ब्रांज विजेता बन कराटे की नानी बन चुकी है. रेनबो होम में बीते तीन वर्षों से रह रही है. वह मूलरूप से दनियावां की रहनेवाली है. उसके पिता ईंट-भट्टा पर काम करते हैं. मां दूसरे के घरों में चूल्हा-चौका करती है.
बनी गोल्ड मेडल विजेता : दनियावां की ही ज्योति कुमारी आठवीं की छात्रा है. पिता के नहीं रहने पर उसके तीन छोटे भाई-बहनों का भार उसकी मां पर आने से उसे अनाथ आलय में छोड़ दिया गया. लेकिन, उसने अब खुद की पहचान बना ली है. उसने कराटे के कुमिते (फाइटिंग में) और कांता के (सिंगल डिफेंस में) दोनों में गोल्ड मेडल जीता है. पटना के जीपीओ गाेलंबर निवासी सुनीता के घर की माली हालत ठीक नहीं होने पर उसकी मां ने उसे रेनबो होम में छोड़ दिया. इनकी तरह ही नीशु, जो कि अनाथ है और अब गोल्ड और सिल्वर मेडल विजेता बन गयी है.
कंचन, दीक्षा, उर्मिला भी इन्हीं में से एक है.
कॉम्यूनिटी ट्रैफिक पुलिस टीम के रूप में किया प्रदर्शन : प्रतियोगिता प्रदेश के जिले से आयी प्रतिभागियों के बीच कराये गये. इसमें कॉम्यूनिटी ट्रैफिक पुलिस टीम के रूप में पटना जिले से रिप्रेजेंट करनेवाली टीम में कुल आठ बेटियां रेनबो होम से रही, जो अतिगरीब और वंचित समुदाय से हैं. इनमें कई लड़कियों के माता-पिता नहीं हैं, तो कई गरीबी के अभाव में माता-पिता की ओर से छाेड़ दी गयी है. ये सभी बेटियां कन्या मध्य विद्यालय गोलघर पार्क में संचालित रेनबो होम में रह रही हैं.
कोट
एनसीसी टीम की ओर से रेनबो होम की लड़कियों को कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. गेजोरियो की ओर से नौ अप्रैल को आयोजित चौथे प्रतियोगिता में लड़कियों ने राज्यस्तरीय चैंपियनशिप का खिताब जीता है.
धीरज कुमार, संयोजक, कॉम्यूनिटी ट्रैफिक पुलिस

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