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सड़क मरम्मत मद का 200 करोड़ नहीं हो सका खर्च
वित्तीय वर्ष 2016-17 में सड़क मरम्मत के लिए ग्रामीण कार्य विभाग को मिले थे 1100 करोड़ दीपक कुमार मिश्रा अधिकारियों की उदासीनता के चलते ग्रामीण कार्य विभाग को सड़क मरम्मत और सामान्य रखरखाव का 200 करोड़ सरेंडर करना पड़ा. समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 में सड़क मरम्मत और रखरखाव के लिए विभाग को 1100 करोड़ […]
वित्तीय वर्ष 2016-17 में सड़क मरम्मत के लिए ग्रामीण कार्य विभाग को मिले थे 1100 करोड़
दीपक कुमार मिश्रा
अधिकारियों की उदासीनता के चलते ग्रामीण कार्य विभाग को सड़क मरम्मत और सामान्य रखरखाव का 200 करोड़ सरेंडर करना पड़ा. समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 में सड़क मरम्मत और रखरखाव के लिए विभाग को 1100 करोड़ मिला था, लेकिन उसमें करीब 900 करोड़ ही खर्च हो पाया. खर्च नहीं कर पाने का असर चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 पर भी पड़ेगा. सड़क मरम्मत के मद में इस वित्तीय वर्ष 900 करोड़ ही मिला है.
जबकि, सारे पैसे खर्च हो जाते तो चालू वित्त वर्ष में भी सड़कों के रख रखाव मद में 11 सौ करोड़ रुपये केंद्र से मिल पाता. ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन जो सड़कें हैं उसका रखरखाव सड़क निर्माण करने वाले संवेदक को पांच साल तक करना होता है. सड़क के डीपीआर में ही राशि का प्रावधान किया जाता है. उसके बाद विभाग सड़क की देखभाल करता है.
समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 में सड़क और पुलों के रखरखाव तथा उसके मरम्मत के लिए 1100 करोड़ का प्रावधान किया गया था. फरवरी तक इस राशि में से 805 करोड़ खर्च हुआ था. इससे 449 किलोमीटर सड़क की मरम्मत हुई थी तथा 5942 किलोमीटर सड़क का रूटीन देखभाल किया गया. 279 पुल-पुलिया की मरम्मत की गयी. चालू वित्तीय वर्ष में सड़कों और पुल-पुलियों के देखरेख और मरम्मत के लिए 900 करोड़ का प्रावधान बजट किया गया है.
इससे 1840 किलोमीटर सड़कों का देखभाल और मरम्मत किया जा सकेगा. बताया जाता है कि सड़क मरम्मत और सामान्य देखरेख से संबंधित फाइल ही विभागीय मंत्री के पास स्वीकृति के लिए भेजी ही नहीं गयी या फिर देरी से भेजी गयी. इसके चलते एमआर मद का लगभग 200 करोड़ सरेंडर करना पड़ गया.
ग्रामीण कार्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2006-07 से वित्तीय वर्ष 2016-17 तक में करीब 3644 करोड़ खर्च हुआ. इस अवधि में बजट में 5509.50 करोड़ का प्रावधान किया गया था. खर्च की गयी राशि से 13522 किलोमीटर से अधिक सड़कों की मरम्मत हुई तथा 12472 किलोमीटर सड़क का रूटीन देखभाल किया गया. 2212 पुल-पुलिया का भी भी देखभाल किया गया.
वित्तीय वर्ष 2017-18 में सड़क निर्माण का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना- 7650 किलोमीटर
ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना- 1000 किलोमीटर
प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क योजना- 7459 किलोमीटर
ग्रामीण कार्य विभाग का कुल बजट- 9518 करोड़, पांच लाख पांच हजार
किस स्तर पर शिथिलता बरती गयी है इसकी समीक्षा होगी. जानकारी हासिल कर रहा हूं. विभाग ने समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 में बजट की लगभग राशि खर्च किया.
शैलेश कुमार,मंत्री, ग्रामीण कार्य विभाग
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