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बीसीए के तत्कालीन कोषाध्यक्ष व सचिव पर प्राथमिकी

पटना : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के तत्कालीन कोषाध्यक्ष रविशंकर प्रसाद सिंह (पटेल नगर) और सचिव अजय नारायण शर्मा (सुल्तानगंज) के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिकी सचिवालय थाने में दर्ज की गयी है. यह मामला बीसीए के कोषाध्यक्ष रामकुमार (दीघा निवासी) ने दर्ज करायी है. उन्होंने दोनों ही पदाधिकारियों पर 27 लाख, 73 हजार, 714 रुपये […]

पटना : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के तत्कालीन कोषाध्यक्ष रविशंकर प्रसाद सिंह (पटेल नगर) और सचिव अजय नारायण शर्मा (सुल्तानगंज) के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिकी सचिवालय थाने में दर्ज की गयी है. यह मामला बीसीए के कोषाध्यक्ष रामकुमार (दीघा निवासी) ने दर्ज करायी है. उन्होंने दोनों ही पदाधिकारियों पर 27 लाख, 73 हजार, 714 रुपये की अवैध निकासी व बीसीसीआइ की ओर से बीसीए को मिले 64 लाख,7 हजार, 500 रुपये की सामग्री गायब करने का आरोप लगाया है.

उनके आरोप के बाद सचिवालय थाने में रविशंकर प्रसाद सिंह और अजय नारायण शर्मा के खिलाफ आइपीसी की धारा 406/420/379/34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में सचिवालय थानाध्यक्ष आरके दूबे ने प्राथमिकी दर्ज किये जाने की पुष्टि की और बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है.

क्या दी लिखित शिकायत में

दीघा निवासी रामकुमार ने पुलि स को लिखि त जानकारी दी है कि उन्होंने एक अक्तूबर 2015 को बीसीए के कोषाध्यक्ष पद पर प्रभार ग्रहण किया था. इसके बाद जब कागजातों की जांच की, तो यह जानकारी मिली कि लाखों रुपये की अवैध निकासी व लाखों की सामग्री गायब कर दी गयी है. वर्ष 2009-10 में बीसीसीआइ की ओर से 64 लाख, 7 हजार, 500 रुपये की ग्राउंड सामग्री, बिहार में क्रिकेट के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए उपलब्ध कराये गये थे. लेकिन, निरीक्षण के बाद जानकारी मिली कि उक्त सामग्री बीसीए के पास उपलब्ध नहीं है और गायब कर दी गयी है.

इसके बाद बैंक खाते का अध्ययन किया गया, तो जानकारी मि ली कि वर्ष 2009 में बीसीसीआइ से 50 लाख रुपये की अनुदान की राशि मिलने पर तत्कालीन कोषाध्यक्ष रविशंकर प्रसाद सिंह व अजय नारायण शर्मा ने बीसीए के बैंक ऑफ इंडिया के राजेंद्र नगर शाखा में पहले से होते हुए भी उसी बैंक के सचिवालय शाखा में दूसरा सेविंग बैंक खाता खुलवाया गया, जो सिर्फ इन दोनों के नाम से खोला गया और यह बीसीए के संविधान के अनुरूप नहीं है. उक्त कार्य से स्पष्ट है कि दोनों ने जान-बूझ कर अध्यक्ष को ऑथोराइज्ड सिग नेचरी नहीं बनाया व नया खाता गलत नियत से खोला गया.

नये खाता के प्रारंभ में फरवरी, 2009 से वर्तमान तक स्टे टमेंट को देखने पर यह जानकारी मिली कि 12 मई, 2009 को बीसीसीआइ की ओर से बीसीए के नये खाते में 50 लाख की राशि प्राप्त हुई, जो बिहार में क्रिकेट के विकास व मौलिक संरचनाओं के विकास के लिए आवंटित की गयी. लेकिन, उक्त राशि का बंदरबाट तत्कालीन सचिव और कोषाध्यक्ष ने कर ली.

बदनाम करने को की एफआइआर : रविशंकर

बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) के सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि रामकुमार ने बदनाम करने के लिए हमारे खिलाफ एफआइआर किया है. उन्हें लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. इस निराशा में वह बिहार में क्रिकेट को रोकने का काम कर रहे हैं. बीसीए का बीसीसीआइ की ओर से ऑडिट कराया गया था, जिसमें कोई हेराफेरी की रिपोर्ट नहीं है. रामकुमार के इस आरोप के खिलाफ मैं भी कानूनी कार्रवाई करूंगा. वहीं, पीडीसीए सचिव अजय नारायण शर्मा से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया. मगर उनसे बात नहीं हो सकी.

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