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बजट में सभी वर्गों के लिए प्रावधान : सिद्दीकी

पटना : वित्तमंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने बताया कि राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में अगड़ा-पिछड़ा, छोटा-बड़ा सभी वर्ग के लिए प्रावधान किया गया है. विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सुशासन के कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं. उसको हासिल करने के लिए सरकार ने राज्य के बजट आकार में 10.3 […]

पटना : वित्तमंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने बताया कि राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में अगड़ा-पिछड़ा, छोटा-बड़ा सभी वर्ग के लिए प्रावधान किया गया है. विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सुशासन के कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं. उसको हासिल करने के लिए सरकार ने राज्य के बजट आकार में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि दर पर निर्धारित किया गया है.
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 का केंद्रीय बजट जो पिछले साल की तुलना में 8.53 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है वहीं भाजपा शासित राज्यों में छत्तीगढ़, राजस्थान व हरियाणा का बजट पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश: 8.53 फीसदी, 6.13 फीसदी व 4.06 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
इधर विपक्ष के वाक आउट के बीच सदन ने बिहार विनियोग (संख्या-2) विधेयक 2017 को पास कर दिया. वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी विधानसभा में बिहार विनियोग (संख्या-2) विधेयक 2017 पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने कहा कि बजट को तीन कसौटियों पर रखा गया है. इसमें पहला विकासात्मक कार्य, दूसरा गरीबी उन्मूलन और तीसरा वित्तीय स्थायित्व. लेकिन विपक्ष को यह नहीं दिख रहा है. बात नहीं दिखायी पड़ रही है.
उन्होंने बताया कि राज्य को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सात निश्चय पर काम किया जा रहा है. राजधानी पटना पहुंचने के लक्ष्य के लिए सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. 250 से अधिक आबादी वाले टोलों को 12 मासी एकल संपर्कता के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 7650 किलोमीटर सड़कों की स्वीकृति दी गयी है. राज्य में पीक आवर में 3769 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराया जा रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में पूर्णिया, पाटलिपुत्रा व मुंगेर में विश्वविद्यालयों की स्थापना का निर्णय लिया जा चुका है. वित्त मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य के बजट को इसलिए कम किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रांश की राशि नहीं दी गयी. वित्तीय वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में में 2719.05 करोड़ की राशि बिहार को मिलनी थी. इसमें केंद्र सरकार द्वारा महज 930.86 करोड़ राशि ही दी गयी.
इस तरह से राज्य को उसके हिस्से की स्वीकृत राशि का 43.33 प्रतिशत हिस्सा ही मिला. बिहार विनियोग विधेयक की चर्चा के दौरान इलियास हुसैन ने मुख्यमंत्री के सात निश्चय की तुलना सतसैया के दोहरे और नाविक की तीर से की. शराबबंदी एक ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय है जिसके कारण देश के 20 करोड़ मुसलमानों के घर से मुख्यमंत्री के लिए दुआएं निकल रही है.
शराबबंदी कानून की तुलना उन्होंने राजाराम मोहन राय के सती प्रथा से की जिससे समाज की कुरीति समाप्त करने में मदद मिली थी. आरएस पांडेय ने विनियोग विधेयक पर चर्चा में शामिल होकर कहा कि सरकार की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि नयी सरकार ने दो आर्थिक बजट और दो आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि दर्शायी गयी है.
पांच फीसदी के इनफ्लेशन दर को शामिल किया जाये तो यह बजट साढ़े तीन प्रतिशत गिरावट वाला है. पहले ही साल में सरकार के बजट में साढ़े तीन फीसदी गिरावट आयी है तो सरकार को बताना चाहिए कि इस विधेयक को क्यों पास किया जाये. बिहार में विकास की उलटी गंगा बह रही है. बीमारी चिह्नित नहीं की गयी है कि निवेश क्या होगा, उत्पादकता क्या बढ़ेगी. सत्ता का रंग बदला तो एक पैसे का निवेश नहीं हुआ. राज्य के जिलों के अंदर भी विकास की असमानता है.
उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के बजट में 30 प्रतिशत कमी और अल्पसंख्यक कल्याण के बजट में 254 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. राज्य में वित्तीय वर्ष 2015-16 में 182 योजनाओं में एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ है. आइएएस अधिकारियों से लेकर होमगार्ड का मनोबल गिरा है. विकास करना है तो सत्ता का समीकरण की तलाश करनी होगा. चर्चा में रामसेवक सिंह, रामदे‌व राय, रंजू गीता और विनोद कुमार सिंह ने भाग लिया.
राज्य सरकार तीन माह में दिव्यांगों के लिए नयी नीति लायेगी. केंद्र सरकार की नीति आने के चलते राज्य की नीति बनाने में देरी हुई है. मंगलवार को राज्य की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने भाजपा के संजीव चौरसिया के तारांकित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी विधानसभा में दी. चौरसिया ने कहा कि गोवा व केरल की तुलना में बिहार में कम पेंशन मिलता है.
इस पर मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता होने पर बीपीएल परिवार को ही पेंशन दे रही है. राज्य सरकार किसी भी कोटि के दिव्यांगों को शून्य से अधिक उम्र वालों को भी हर महीने 400 रुपये पेंशन दे रही है. नंदकिशोर यादव के पूरक प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की दिसंबर 2016 में नयी नीति आने के बाद उसी के अनुरूप राज्य को नीति बनाने की बाध्यता थी. मंत्री ने यह भी कहा कि मेंटल सर्टिफिकेट को छोड़ बाकी तरह के प्रमाणपत्र जिलों से ही मिल रहा है. प्रमोद कुमार के तारांकित प्रश्न पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि जिलों में कर्पूरी छात्रावास बनाने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही इसे पूरा कर लिया जायेगा.
दिनेश चंद्र यादव के तारांकित प्रश्न पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों में डेढ़ एकड़ जमीन होने पर ही उसका उत्क्रमित किया जाता है.

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