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पटना : सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा में संशोधन करने की मांग को लेकर केंद्रीय कर्मचारी गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. इसमें 25,000 कर्मचारियों ने भाग लिया. सभी केंद्रीय कार्यालयों के कर्मचारियों ने काम नहीं किये. इस कारण कामकाज पूरी तरह ठप रहा. अपने कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठे कर्मचारियों ने केंद्र […]

पटना : सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा में संशोधन करने की मांग को लेकर केंद्रीय कर्मचारी गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. इसमें 25,000 कर्मचारियों ने भाग लिया. सभी केंद्रीय कार्यालयों के कर्मचारियों ने काम नहीं किये. इस कारण कामकाज पूरी तरह ठप रहा. अपने कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठे कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
आयकर कार्यालय के मुख्य गेट पर कर्मचारियों ने धरना व प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व केंद्रीय कर्मचारी महासंघ, बिहार के अध्यक्ष सीडी सिंह ने किया. उन्होंने बताया कि सातवें वेतन आयोग द्वारा न्यूनतम वेतन को 26,000 तक करने, भत्ता को एक जनवरी, 2016 से लागू करने, नयी पेंशन स्कीम को हटाने, छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, श्रम कानूनों में सुधार आदि मांगों को लेकर आज कर्मचारी हड़ताल पर रहे. हड़ताल पूरी तरह सफल रहा. सभा को केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के महासचिव अरुण कुमार पांडेय, आयकर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जगेश्वर साह, अमिताभ रंजन, शमशाद अली आदि ने संबोधित किया.
बिहार नेशनल फेडरेशन आॅफ पोस्टल इंपलाॅइज के संयोजक उपेंद्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में जीपीओ परिसर में डाक विभाग के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. हड़ताल के कारण जीपीओ सहित सभी प्रधान डाकघरों एवं उप डाकघरों में ताले लटके रहे. इसके अलावा बिहार के सभी आरएमएस कार्यालय में भी काम-काज ठप रहा. आम सभा को संबोधित करते हुए तिवारी ने कहा कि अगर मांगों पर सरकार सकारात्मक विचार नहीं करती है, तो संघर्ष और तेज किया जायेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय श्रमिक मंच (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय संयोजक बिंदेश्वरी सिंह ने हड़तालको सफल बताते हुए कहा कि महासंघ की मांगों को सरकार को मान लेना चाहिए.

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