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#Bihar/बजट सत्र : फरक्का बराज को बनायेंगे राष्ट्रीय मुद्दा : मंत्री

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह के जवाब का विपक्ष ने किया बहिष्कार पटना : फरक्का बराज को लेकर गंगा नदी में बढ़ रहे गाद से होनेवाली समस्या को लेकर बिहार सरकार इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनायेगी. इसे लेकर दिल्ली सहित अन्य जगहों पर सेमिनार में इस पर बहस कराया जायेगा. गंगा नदी में गाद की […]

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह के जवाब का विपक्ष ने किया बहिष्कार
पटना : फरक्का बराज को लेकर गंगा नदी में बढ़ रहे गाद से होनेवाली समस्या को लेकर बिहार सरकार इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनायेगी. इसे लेकर दिल्ली सहित अन्य जगहों पर सेमिनार में इस पर बहस कराया जायेगा. गंगा नदी में गाद की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार गाद नीति बनाये या फिर फरक्का बराज का डीकमीशन कराये. विधान परिषद में आय-व्यय पर हुए सामान्य वाद-विवाद के बाद जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उक्त बातें कही. मंत्री के जवाब का विपक्ष ने बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर चले गये. अपना जवाब जारी रखते हुए मंत्री ने कहा कि गंगा नदी के अपस्ट्रीम में गाद बहुत अधिक है.
आनेवाले दिनों में गाद से समस्या और बढ़ेगी. गंगा नदी में गाद को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र के समक्ष इस मुद्दे को उठाये हैं. इसके बावजूद केंद्र इस समस्या का समाधान नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि बक्सर से पटना तक गंगा की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है. बक्सर से पटना गंगा को आने में दो से तीन घंटे लगते हैं. भागलपुर से फरक्का की दूरी लगभग 170 किलोमीटर है. भागलपुर से फरक्का गंगा को जाने में 20 से 22 घंटे लगते हैं. फरक्का से पहले अपस्ट्रीम में गाद की वजह से ऊंचा होने के कारण बहाव कम होता है.
सिंचाई व बाढ़ को लेकर अलग-अलग विंग : मंत्री ने कहा कि सिंचाई सृजन व बाढ़ नियंत्रण को लेकर अलग-अलग विंग बनाया गया है. दोनों विंग में तैनात अभियंता अलग-अलग काम देखेंगे. बाढ़ नियंत्रण को लेकर 317 कटाव निरोधक योजना स्वीकृत की गयी है. इस पर 1206 करोड़ खर्च होंगे.
गोपालगंज में पदराहा झरखी, कटिहार में गुमटी टोला, भागलपुर में इस्माइल विंद टोली पर विशेष ध्यान है. विश्व बैंक के सहयोग से गैर संरचनात्मक कार्य भी होगा. इसमें बाढ़ की पूर्वानुमान की जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हृास हो चुकी सिंचाई सुविधा फिर से चालू की जायेगी. सरकार 29 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा रही है. 30 जून तक बटेश्वरनाथ गंगा पंप नहर योजना सहित तीन योजना पूरी कर ली जायेगी. टाल क्षेत्र में पानी की सुविधा व निकासी के लिए 61 पइन की सफाई होगी. बालगुदर घाट में स्लूइस गेट का निर्माण होने पर टाल क्षेत्र में पानी उपलब्ध व निकासी करने में सुविधा होगी.
उन्होंने कहा कि डेढ़ साल में इंद्रपुरी जलाशय का निर्माण पूरा होने पर सोन नहर में पानी की दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के दो कार्यालय केंद्रीय जल आयोग व गंगा बाढ़ नियंत्रण पर्षद किसी न किसी मामले को लेकर अड़ंगा लगाने का काम करती है. केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोशी के दोनों बांध के रख-रखाव को लेकर टेंडर फाइनल अंतिम प्रक्रिया में है. बरसात के बाद काम शुरू होगा. वाद-विवाद में राधा चरण साह, कृष्ण कुमार सिंह, डॉ दिलीप चौधरी व नीरज कुमार भाग लिए.
फरक्का बराज के 109 गेट में अधिकांश गेट बंद रहता है. इस वजह से पिछले साल गंगा में पानी बढ़ने से जहां लेवल स्तर कम था वहां भी पानी खतरे के निशान को पार कर गया. पटना के गांधी घाट व मोकामा के हथीदह में यह देखने को मिला. बाढ़ से 12 जिले प्रभावित हुए. गंगा में गाद अधिक होने से गहराई कम होने से गंगा किनारे के आसपास के इलाके को परेशानी होगी. मंत्री ने कहा कि गंगा की स्थिति को देखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल विशेषज्ञों से आग्रह किये थे. उनलोगों ने स्थिति जाकर देखी. इसके बाद विशेषज्ञों ने फरक्का बराज को लेकर आयोजित सेमिनार में राज्य सरकार की मांग का समर्थन किया था.
मात्र 9.5% प्राथमिक स्कूलों में नहीं है भवन
शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने अभय कुमार सिन्हा के ध्यानाकर्षण सूचना पर कहा कि बिहार शिक्षा परियोजना को स्कूलों के भवन के निर्माण की भी जिम्मेदारी दी गयी है. अब तक 90.5 फीसदी भवनों का निर्माण हो गया है, जबकि 9.5 फीसदी ही अधूरे हैं. मजदूरी दर में बढ़ोतरी और विद्यालय शिक्षा समिति में गतिरोध की वजह से काम पूरा नहीं हो सका.
नौवीं की परीक्षा, बाहरी प्रोफेसर की बहाली का मामला उठा : विधान परिषद में बुधवार को शून्यकाल के दौरान सदस्य केदार पांडे ने सबसे पहले नौवीं की परीक्षा इस बार भी समय पर नहीं होने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के कैलेंडर के हिसाब से 23 मार्च से 9वीं की परीक्षा शुरू हो जानी चाहिए थी और 31 मार्च के पहले इसका रिजल्ट आ जाना चाहिए था.
परंतु सभी शिक्षकों की ड्यूटी प्राथमिकता के स्तर पर कॉपी के मूल्यांकन में लगाने के कारण यह समस्या खड़ी हो गयी है. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कॉपी का मूल्यांकन पहली प्राथमिकता है, ताकि 10वीं में फेल होने वाले छात्र कॉम्पलिमेंटरी परीक्षा समय पर दे सके और इन्हें रिजल्ट भी समय पर मिल सके. इसलिए मूल्यांकन को प्राथमिकता दी जा रही है. रामचंद्र भारती ने बीपीएससी में यूपी के अभ्यर्थियों की बहाली ज्यादा बड़ी संख्या में करने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि दर्शनशास्त्र में 55 सहायक प्रोफेसर की बहाली की गयी है, जिसमें 46 यूपी के हैं. लेक्चररशिप में बहाली में हो रही इस धांधली को रोकने की जरूरत है.
इस मामले को लेकर अन्य सभी सदस्य हंगामा करने लगे और कॉल अटेंसन लाने की मांग करने लगे, लेकिन उप-सभापति ने इसे खारिज कर दिया. इसके अलावा रजनीश कुमार और लालबाबू प्रसाद ने परिषद में बेमौसम बरसात से राज्य के अधिकांश जिलों में हुई गेहूं की फसल बड़ी नुकसान का आकलन कराने की मांग सरकार से की. सदस्यों ने फसल नुकसान के लिए किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.
भाजपा कार्यकर्ताओं के पिटाई मामले को लेकर विस में हंगामा, वेल में आया विपक्ष
पटना : बक्सर में पिछले दिनों भाजपा कार्यकर्ताओं की हुई बेरहमी से पिटाई मामले के खिलाफ बिहार विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और शून्यकाल में वेल में आकर नारेबाजी की. विपक्ष के नारेबाजी और हो रहे हंगामे के बीच ही शून्यकाल और ध्यानाकर्षण लिये गये. इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी. बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने भारत माता की जय के नारों का उद्घोष किया.
शून्यकाल की शुरुआत में ही नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने बक्सर में ट्रांसफॉर्मर लगाने की मांग करने पर बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता व उनके गुर्गों द्वारा की गयी मारपीट का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि जब भाजपा कार्यकर्ता गये तो बिजली विभाग के पदाधिकारी शराब पी रहे थे. ऐसा करने से मना करने पर उन्होंने पिटाई शुरू कर दी. इससे भाजपा जिलाध्यक्ष का हाथ टूट गया है, जबकि दो का पैर और एक का सर फट गया है. सरकार संबंधित कार्यपालक अभियंता जो शराबबंदी के बाद अपने कार्यालय में नशे में धुत थे उन्हें बरखास्त करे.
‘हर घर,नल का जल’ पर सवाल से घिरे मंत्री : सरकार के सात निश्चयों में से एक हर घर नल का जल पर बिहार विधानसभा में पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत विपक्ष के सवालों में घिर गये. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सरकार पर सात निश्चयों के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाया.
और जमकर नारेबाजी की. तारांकित सवाल के जरिये भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सितंबर 2016 से हर घर नल का जल योजना की शुरुआत हुई है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं किया गया है, न ही कहीं राशि दी गयी है.
इस पर पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत अब तक कितने घरों में नल का जल उपलब्ध कराया गया और बचे वित्तीय वर्ष में कितने घरों में दिया जायेगा, उस पर कोई जवाब नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि सरकार का हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य है. 2020 तक सभी घरों तक नल का जल पहुंचा दिया जा रहा है. सरकार उसी लक्ष्य के अनुसार काम कर रही है. योजना का पहला साल है. पंचायत चुनाव भी था. एेसे में कागजी प्रक्रिया में थोड़ी देरी हुई है.
पंचायत व वार्ड विकास समिति को सरकार फंड उपलब्ध करा रही है. काम तेजी से चलेगा. इस पर विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार, विधायक नंदकिशोर यादव और विधायक संजय सरावगी ने एक-एक कर पूरक प्रश्न के जरिये सरकार को घेरा. विपक्ष के नेताओं ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में पहले साल करीब 23 हजार वार्डों में हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक कितने घरों में नल का जल उपलब्ध कराया गया है, यह सरकार बताये. पंचायती राज विभाग की ओर से यह आंकड़ा सदन में उपलब्ध नहीं कराया जा सका.
इस पर विपक्ष ने सरकार पर सात निश्चय के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाया. इस पर विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
उन्होंने कहा कि इस मामले पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जो अत्याचार हुआ है, उस पर उन्हें न्याय मिलना चाहिए. सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ नेता प्रतिपक्ष मामला को उठाने के लिए खड़े हुए, लेकिन प्रश्नोत्तर काल शुरू होने से नहीं उठा सके.
परसा से महुली हॉल्ट तक बनेगी बाइपास
पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि पटना के पास परसा बाजार से महुली हॉल्ट तक एक नयी बाइपास बनायी जायेगी, जिसका निर्माण अप्रैल 2018 तक पूरा होने की संभावना है. यह बाइपास एनएच-83 (पटना-गया-डोभी पथ) और राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-30 को जोड़ेगी. एनएच-83 का निर्माण कार्य एनएचएआइ कर रहा है. मंत्री विधान परिषद में बुधवार को चन्देश्वर प्रसाद के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे.
अवैध लॉज पर होगी कार्रवाई : रामचंद्र भारती के प्रश्न के उत्तर में नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि पटना में अवैध रूप से चल रहे लॉज के खिलाफ शिकायत मिलती है, तो विभाग की तरफ से सख्त कार्रवाई की जायेगी. इन अवैध लॉज मालिकों के खिलाफ की शिकायत को गंभीरता से लिया जायेगा.
लॉज के अंदर छात्रों को सभी तरह की जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना लॉज मालिकों की जिम्मेवारी है.उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन से पश्चिम एनएच-83 पहले से ही मौजूद है. रेलवे लाइन से पूरब की जमीन पूरी तरह से निजी है और पहले से यहां कोई सड़क नहीं है. इसलिए इस स्थान पर सड़क निर्माण के लिए पहले यहां की निजी भूमि का अधिग्रहण करने की जरूरत पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि फोरलेनिंग परियोजना के तहत एनएच-83 को बेउर, पटना (एनएच-30) से परसा बाजार के पश्चिम की तरफ से होते हुए महुली हॉल्ट तक बाईपास निर्माण कार्य प्रस्तावित है, जिसका कार्य पूर्ण होने का समय 9 अप्रैल 2018 निर्धारित किया गया है. पटना की तरफ से इस बाईपास का निर्माण होने के कारण सिपारा-परसा बाजार के रास्ते बड़े एवं भारी वाहनों का आवागमन सुगम हो जायेगा.
कारबाइड से फल पकाने पर मिलेगी सजा : मेहता
सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विधानसभा में विभाग के 2017-18 के बजट के वाद विवाद के बाद उत्तर देते हुए कहा कि कारबाइड से आम, केला आदि फलों के पकाने पर अब सरकार सजा का प्रावधान करने जा रही है. कारबाइड से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है. इससे बचाव के लिए सरकार वैशाली के बिदुपुर में इथलीन आधारित फ्रूट रिपीनिंग प्लांट लगायेगी. धान खरीद में पूरी पारदर्शिता अपनायी जा रही है. साथ ही अब नये चावल मिल की स्थापना में ड्रायर लगाना आवश्यक होगा. पैक्स के चावल मिलों में ड्रायर लगेगा. इसके पहले भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा ने कटौती प्रस्ताव पेश किया. चर्चा के बाद सदन ने 2017-18 के लिए विभाग का 7 अरब 50 करोड़ 45 लाख 5 हजार का बजट पारित कर दिया. सरकार के उत्तर से नाखुश विपक्ष मंत्री के उत्तर के समय सदन से वाकआउट कर गया.
मेहता ने विपक्ष के आशंका और आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि धान खरीद में पूरी पारदर्शिता अपनायी जा रही है. इसके जरिये लघु और सीमांत किसानों को संरक्षण दिया जा रहा है.
धान खरीद में 30 से 40 फीसदी धान बटाइदारों का है. बिहार पहला राज्य है जहां बटाइदारों को हक मिला है. 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान हो रहा है. सरकार सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के प्रति कृतसंकल्पित है. हर साल 10 हजार करोड़ की सब्जी राज्य में बरबाद हो जाती है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश पर राज्य में सब्जी फेडरेशन का गठन किया जा रहा है. इसके लिए पांच करोड़ की व्यवस्था की जा रही है. राज्य में कोल्ड स्टोर में अभी एकरूपता नहीं है. इसमें एकरूपता लायी जायेगी. इसके अलावा भागलपुर में केला के रेशा पर आधारित प्रसंस्करण उद्योग, बटेर पालन, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में गुढ़ एवं खाड़सारी उद्योग को विकसित किया जायेगा. सहकारी समितियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. कृषि रोड मैप के अनुसार सहकारिता को बढ़ावा दिया जा रहा है.
राज्य में 6 एग्रो क्लीनिक बनकर तैयार है जबकि 7 निर्माणाधीन है. बकरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. सभी जिले में सहकारी भवन बनाने की योजना है. विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. पैक्सों का सदस्य अब लोग ऑनलाइन बन सकेंगे. इसके लिए लालगंज और नूर सराय में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. केंद्र पर बिहार का 379 करोड़ बकाया है. इसके पहले चर्चा में भाग लेते हुए रालोसपा के ललन पासवान ने पैक्स में आरक्षण कीमांग की.
बीपीएल सूची में संशोधन का अनुरोध करेगी सरकार
बीपीएल सूची में संशोधन के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से फिर से अनुरोध करेगी. इससे पहले भी राज्य सरकार ने अनुरोध पत्र भेजा था, लेकिन केंद्र सरकार ने उसे नहीं माना था.
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को माले विधायक महबूब आलम के ध्यानाकर्षण के जवाब में कहा कि वर्तमान में सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना के आधार पर हुए सर्वेक्षण के अनुसार ही बीपीएल में आनेवाले लोगों को योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ने पिछले साल 24 नवंबर को ही ग्रामीण विकास मंत्रालय को डाटा पुनरीक्षित करने की मांग की थी. जिन गरीबों के नाम सर्वेक्षण सूची में किसी कारण से शामिल नहीं हो सके थे, उन्हें भी आवास योजना, पेंशन योजना और खाद्य योजना समेत अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाये.
राज्य सरकार के इस अनुरोध को दिसंबर में ही केंद्र सरकार ने मानने से इनकार कर दिया और इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 2500 पंचायतें ऐसे हैं, जहां ऐसी त्रुटियां हैं.
साथ ही कई के नाम एक पंचायत से दूसरी में कर दिये गये हैं, जिससे दिक्कतें हो रही हैं. विधायक महबूब आलम ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिये वैसे सभी लोगों, जो वृद्ध व गरीब हैं और उनके नाम बीपीएल सूची में नहीं जोड़े गये हैं, उन्हें भी पेंशन समेत अन्य योजनाओं का लाभ देने की मांग की.

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