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बजट सत्र : विधायक की अनदेखी करने वाले हेडमास्टर नपेंगे

प्रधानाध्यापकों को विधायकों की सहमति से ही विद्यालय का करना है विकास पटना : शिक्षामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि स्थानीय विधायकों को विश्वास में लिये बगैर काम करने वाले विद्यालय प्रबंधन समिति पर कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि वैसे प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की भी जा रही है. प्रधानाध्यापकों को विधायकों की सहमति लेकर ही […]

प्रधानाध्यापकों को विधायकों की सहमति से ही विद्यालय का करना है विकास
पटना : शिक्षामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि स्थानीय विधायकों को विश्वास में लिये बगैर काम करने वाले विद्यालय प्रबंधन समिति पर कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि वैसे प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की भी जा रही है. प्रधानाध्यापकों को विधायकों की सहमति लेकर ही विद्यालय का विकास करना है. सरकार इस मामले पर संवेदनशील है. विधानसभा में वीरेंद्र कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न के जवाब में मंगलवार को शिक्षामंत्री ने बताया कि औरंगाबाद जिला के नवीनगर विधानसभा क्षेत्र के कुछ उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों द्वारा विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन नहीं किया गया है.
क्षेत्र के चार विद्यालय में प्रबंधन समिति का गठन किया जा चुका है. 13 उच्च विद्यालयों में से पांच उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के खिलाफ विद्यालय प्रबंधन समिति गठित नहीं करने के कारण अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा आठ उच्च विद्यालयों में जहां पर विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन नहीं किया गया है उनके प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. सदन में सदस्यों की मांग थी कि विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा स्थानीय विधायकों की सहमति के बगैर काम किया जाता है. इस पर शिक्षा मंत्री का जवाब था कि ऐसे प्रधानाध्यापकों के खिलाफकार्रवाई करेगी.
पटना. उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की बरखास्तगी की मांग को लेकर एनडीए के सदस्यों ने काला बिल्ला लगाकर दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग लिया. विधानसभा में विरोधी दल के नेता प्रेम कुमार ने आसन को बताया कि काला बिल्ला लगाने की कारण यह है कि मुख्यमंत्री द्वारा मंत्री अब्दुल जलील मस्तान को बर्खास्त नहीं किया गया है. साथ ही राज्य में विधि व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. उधर विधान परिषद में भी मंगलवार को उत्पाद, निबंधन व मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की मंत्रिमंडल से बरखास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष काला बिल्ला लगा कर पहुंचे. विपक्षी सदस्य बांह पर काली पट्टी बांध कर सदन में बैठे. काली पट्टी पर मंत्री अब्दुल जलील मस्तान को सरकार करे बरखास्त लिखा था.
कानून व्यवस्था ध्वस्त होने के खिलाफ वेल में पहुंचा विपक्ष
विधान परिषद में राज्य में हत्या, बैंक लूट, हत्याकांड के अभियुक्त की फरारी, अपराधियों का तांडव का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विपक्ष वेल में पहुंचा. विपक्ष के वेल में जाने से 15 मिनट सदन की कार्यवाही बाधित हुई.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लालबाबू प्रसाद व रजनीश कुमार ने इस मुद्दे को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. उपसभापति हारुण रशीद ने इस मामले को शून्यकाल में उठाने की बात विपक्ष के सदस्यों से कहा. शून्यकाल के शुरू होते ही लाल बाबू प्रसाद ने कहा कि व्यवसायी अंकित रोहतगी व उनके कर्मचारी के हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि काली पट्टी लगा कर विरोध दर्शाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तसवीर पर मंत्री अब्दुल जलील मस्तान द्वारा जूता मारने के लिए उकसाये जाने के खिलाफ विपक्ष विरोध कर रहा है. विपक्ष सरकार से मंत्री की बरखास्तगी की मांग कर रहा है.
विपक्ष द्वारा सदन में मंत्री से कोई सवाल नहीं पूछने व जवाब का बहिष्कार करने का निर्णय पहले ही लिया गया है.
नंदकिशोर ने कहा, मंत्री जवाब दें, वरीय कह देने से काम नहीं चलेगा अशोक चौधरी ने कहा, आप सरकार को डिमोरलाइज नहीं कर सकते
पटना. विधानसभा में विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकों की छपाई में पेपर की कमी को लेकर भाजपा सदस्य नंद किशोर यादव व शिक्षामंत्री अशोक कुमार चौधरी के बीच में तीखी नोकझोंक हुई. नंदकिशोर यादव ने शिक्षामंत्री को सदन में जवाब देने को कहा. उनका कहना था कि वरीय कह देने से काम नहीं चलेगा. दूसरी ओर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप सरकार को डिमोरलाइज नहीं कर सकते. शिक्षामंत्री पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति के लिए भारत सरकार के उपक्रम हिंदुस्तान पेपर निगम लिमिटेड (एचपीसीएल) को जिम्मेवार ठहरा रहे थे. केंद्र सरकार के उपक्रम को पेपर आपूर्ति के लिए जिम्मेवार बताने पर भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने आपत्ति जतायी.
उन्होंने कहा कि जब एचपीसीएल पेपर की आपूर्ति नहीं कर रहा है तो राज्य सरकार को किसी अन्य एजेंसी से पेपर खरीदने के लिए कौन रोका है. दोनों नेताओं के बीच बहस की शुरुआत अल्पसूचित प्रश्न से हुई जो तारांकित प्रश्न के दौरान फूट पड़ा. अल्पसूचित प्रश्न के दौरान शिक्षामंत्री अशोक चौधरी को नंदकिशोर यादव ने पूरक प्रश्न के माध्यम से घेरने की कोशिश की थी.
भाजपा के संजय सरावगी का सवाल था कि बच्चों की शिक्षा में गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है. इस पर शिक्षामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि बच्चों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए मिशन गुणवत्ता शुरू किया गया है. पहली बार सरकार द्वारा असेसमेंट टेस्ट लिया जा रहा है. पिछली सरकारों द्वारा इस दिशा में काम नहीं किया गया है.
बस इसी प्रश्न को नंद किशोर यादव ने पूरक प्रश्न में बदलते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री शिक्षा के प्रति संवेदनशील हैं. क्या इसके पहले 10 साल मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर रहे थे. कहीं शिक्षा मंत्री कांग्रेस पार्टी के हैं.
सदन में इस तरह का जवाब देकर शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री को कठघरे में तो खड़ा नहीं करना चाहते हैं. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि कैप्टन के रूप में मुख्यमंत्री ने ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की शुरुआत की है. बाद में जब डा रामानुज प्रसाद के तारांकित प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में वर्ग एक-आठ वर्ग तक के विद्यार्थियों के लिए एक करोड़ 89 लाख पाठ्य पुस्तकों की छपाई कर 90 प्रतिशत पुस्तकें प्रखंडों में पहुंचा दी गयी है. उन्होंने बताया कि कागज समय पर नहीं मिलने से पुस्तकों की छपाई विलंब से हुआ है. राज्य सरकार कागज की खरीद भारत सरकार के उपक्रम एचपीएसीएल से करती है. निगम की स्थिति अब ठीक नहीं है.
राज्य सरकार अब आल इंडिया ओपेन टेंडर से पेपर की खरीद करेगी. इसके पूरक प्रश्न में नंद किशोर यादव ने कहा कि पिछले साल भी यह सवाल आया था. पुस्तक के लिए पेपर खरीदने को लेकर राज्य सरकार को किसने रोक लगायी है. इस पर मंत्री ने उनको वरीय सदस्य कहते हुए अपनी बात शुरू कि जिस पर नंद किशोर यादव ने आपत्ति जतायी और कहा कि मंत्री को प्रश्न का जवाब देना चाहिए. वरीय कहने का क्या मतलब है. पलटवार करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनको डिमोरलाइज नहीं किया जा सकता है. वह सरकार के पक्ष को रख रहे हैं.
गुणवत्ता मिशन के तहत लिया जा रहा है टेस्ट : शिक्षा मंत्री
पटना. विधानसभा में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि राज्य में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए मिशन गुणवत्ता चलाया जा रहा है. इसके तहत अर्द्धवार्षिक व वार्षिक टेस्ट लिया जा रहा है. इसी का परिणाम है कि वर्तमान में मात्र एक प्रतिशत बच्चे
ही स्कूल से बाहर रह गये हैं. शिक्षा
की गुणवत्ता में जो भी कमी है उसको पूरा करने के लिए कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं. कक्षा एक के विद्यार्थियों के लिए चहक अभियान चलाया जा रहा है. पहली बार सरकार प्राइमरी स्तर पर असेसमेंट टेस्ट ले रही है. विधानसभा में शिक्षामंत्री संजय सरावगी के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
मार्च तक वित्तरहित शिक्षकों को वेतन : राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि वित्त रहित शिक्षकों को इस माह के अंत तक वेतन की राशि जारी कर दी जायेगी. मंगलवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने यह बात कही. वित्त रहित शिक्षकों को कई महीनों से वेतन की राशि नहीं मिली है.

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