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पोशाक योजना ने लड़कियों को दी उड़ान
स्कूल ड्रेस के लिए छात्राओं को सालाना मिलते हैं 1000 रुपये पटना : मुख्यमंत्री शताब्दी बालिका पोशाक योजना प्रदेश की छात्राओं को आगे की पढ़ाई करने के लिए सहायक साबित हो रही है. मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री साइकिल योजना के बाद राज्य सरकार 2011-12 में मुख्यमंत्री शताब्दी बालिका पोशाक योजना की शुरुआत की थी. पहले […]
स्कूल ड्रेस के लिए छात्राओं को सालाना मिलते हैं 1000 रुपये
पटना : मुख्यमंत्री शताब्दी बालिका पोशाक योजना प्रदेश की छात्राओं को आगे की पढ़ाई करने के लिए सहायक साबित हो रही है. मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री साइकिल योजना के बाद राज्य सरकार 2011-12 में मुख्यमंत्री शताब्दी बालिका पोशाक योजना की शुरुआत की थी.
पहले क्लास एक से पांचवीं की छात्राएं, फिर छह से आठ तक की छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री पोशाक योजना की शुरुआत की गयी थी. हाइ व प्लस टू स्कूलों में छात्राओं के लिए पोशाक के लिए राशि देने का प्रावधान नहीं था. स्कूल ड्रेस के अभाव में छात्राएं बीच में पढ़ाई न छोड़े इस सोच के साथ सरकार ने मुख्यमंत्री शताब्दी बालिका पोशाक योजना की शुरुआत की.
इसमें नौवीं से लेकर 12वीं तक की छात्राओं को सालाना एक हजार रुपये पोशाक खरीदने के लिए राशि िदये जाने लगे. पहले साल नौवीं से 12वीं तक नामांकित सभी 19.80 लाख छात्राओं को पोशाक के लिए राशि दी गयी. इसके बाद 75 फीसदी उपस्थिति पर ही छात्राओं को यह राशि दी जाने लगी. 2015-16 में चुनाव की वजह से 75 फीसदी उपस्थिति को शिथिल कर नामांकित सभी 24,12,183 छात्राओं को पोशाक के लिए राशि दी गयी थी. वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी 20 लाख से अधिक छात्राओं को राशि दी जा रही है. राज्य के स्कूलों में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार ने पोशाक, साइकिल, शताब्दी पोशाक योजना के अलावा 2015 से मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना की शुरुआत की. इसमें क्लास सात से 12वीं तक की छात्राओं को सेनेटरी नैपिकन के लिए 150 रुपये प्रति छात्रा राशि दी जा रही है.
इस तरह स्कूलों में इन योजनाओं से छात्राएं जहां 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर रही हैं, वहीं कॉलेजों में भी उनके लिए राज्य सरकार ने मुफ्त में पढ़ाई की व्यवस्था की है. कॉलेजों में छात्राओं को एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस समेत अन्य मदों में लगने वाले शुल्क नहीं लगते हैं.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी 20 लाख से अधिक छात्राओं को राशि दी जा रही है. राज्य के स्कूलों में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार ने पोशाक, साइकिल, शताब्दी पोशाक योजना के अलावा 2015 से मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना की शुरुआत की.
इसमें क्लास सात से 12वीं तक की छात्राओं को सेनेटरी नैपिकन के लिए 150 रुपये प्रति छात्रा राशि दी जा रही है. इस तरह स्कूलों में इन योजनाओं से छात्राएं जहां 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर रही हैं, वहीं कॉलेजों में भी उनके लिए राज्य सरकार ने मुफ्त में पढ़ाई की व्यवस्था की है. कॉलेजों में छात्राओं को एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस समेत अन्य मदों में लगने वाले शुल्क नहीं लगते हैं.
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