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अब समुद्रपार नियोजन ब्यूरो होगा सक्रिय
पटना : विदेश जाने वाले कामगारों को सहायता करने के लिए श्रम संसाधन विभाग अपने समुद्र पार नियोजन ब्यूरो को सक्रिय करेगा. इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में चार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. विभाग कामगारों का कौशल विकास करने के साथ- साथ उनके साथ किसी तरह का धोखा नहीं हो इसके लिए उन्हें […]
पटना : विदेश जाने वाले कामगारों को सहायता करने के लिए श्रम संसाधन विभाग अपने समुद्र पार नियोजन ब्यूरो को सक्रिय करेगा. इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में चार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
विभाग कामगारों का कौशल विकास करने के साथ- साथ उनके साथ किसी तरह का धोखा नहीं हो इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित भी करेगा. इसके लिए कंसलटेंट व विदेशों में रिक्रूट कराने वाली एजेंसियों की सेवा ली जायेगी. समुद्रपार नियोजन ब्यूरो अभी भी काम कर रहा है, लेकिन बहुत सक्रिय नहीं है. श्रम संसाधन विभाग इसका भी आकलन कर रहा है कि ब्यूरो के सक्रियता के साथ सफल संचालन के लिए कितने कर्मी की जरूरत होगी. जरूरत पड़ने पर संविदा पर बहाली भी विभाग कर सकता है. एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य के 50 हजार से अधिक कामगार विदेशों में काम करते हैं.
खासकर छपरा सीवान, गोपालगंज, दरभंगा आदि जिलों के बड़ी संख्या में लोग अरब देशों में काम कर रहे हैं. निर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक लोग काम कर रहे हैं. रिक्रूट एजेंसियां इनका शोषण भी करती हैं. इन्हीं सब को देखते हुए विभाग ने तय किया है कि विदेश जानेवाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा. उन्हें हिंदी व अंगरेजी का भी ज्ञान दिया जायेगा.अंगरेजी की जानकारी नहीं रहने या कम रहने से विदेश में कामगारों को परेशानी होती है. राज्य सरकार का एेसे भी कौशल विकास पर जोर है. प्रखंड स्तर पर कौशल विकास केंद्र खोले गये हैं. अनुमंडल स्तर पर आइटीआइ खोले जा रहे हैं. हर जिले में महिला आइटीआइ भी होंगे.
विदेश जानेवाले कामगारों का होगा कौशल विकास : विभाग इस क्षेत्र में काम कर रहे कंसलटेंट और रिक्रूमेंट एजेंसी तथा विदेश ले जाने वाली कंपनियों के साथ कार्यशाला का आयोजन करेगा. इसमें बताया जायेगा कि किस सेक्टर में किस तरह के कामगारों की जरूरत है. काम पर जाने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना है. बताया जा रहा है कि विभाग उन जगहों पर कौशल विकास केंद्र खोलेगा, जहां अधिक संख्या में लोग विदेश जाते हैं.
विदेशों में जिस-जिस क्षेत्र में कामगारों की अधिक मांग है उसी आधार पर डिमांड बेस ट्रेनिंग दी जायेगी. श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि जिस क्षेत्र से बड़ी संख्या में कामगार विदेश जाते हैं उन्हें हुनरमंद बनाने के लिए उनका कौशल विकास किया जायेगा. इसके लिए उन क्षेत्रों में प्रशिक्षण केंद्र खोले जायेंगे. कौशल विकास से उन्हें अधिक आर्थिक लाभ मिलेगा.
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