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रामाशीष व अटल समेत सात दो दिनों के पुलिस रिमांड पर
आज जेल से लाकर एसआइटी करेगी पूछताछ पटना : बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक घोटाले में एसआइटी ने न्यायालय में आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया था. जिस पर सुनवाई करते हुए पटना सिटी कोर्ट ने मंगलवार को रामाशीष और अटल समेत सात लोगों को दो दिनों के रिमांड दिया है. अब बुधवार की […]
आज जेल से लाकर एसआइटी करेगी पूछताछ
पटना : बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक घोटाले में एसआइटी ने न्यायालय में आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया था. जिस पर सुनवाई करते हुए पटना सिटी कोर्ट ने मंगलवार को रामाशीष और अटल समेत सात लोगों को दो दिनों के रिमांड दिया है. अब बुधवार की सुबह एसआइटी जेल से लाकर उनसे पूछताछ करेगी. पूछताछ से यह स्पष्ट होगा कि इस गोरखधंधे और कितने लोग शामिल हैं. रिमांड पर लिये गये लोगों में रामशीष, अटल बिहारी, राम सुमेर, रामेश्वर, आलोक, गौरीशंकर और सनोज शामिल है़ इनसे पूछताछ होनी है़ इससे पहले पवन को पुलिस ने रिमांड पर लिया था, त फिर प्रश्नपत्र लीक का एवीएन स्कूल से जुड़े तार होने की जानकारी पुलिस को मिली थी.
रिमांड के लिए पुलिस तैयार कर रही है प्रश्नावली : रिमांड पर आने के बाद बीएसएससी सचिव परमेश्वर राम, एवीएन स्कूल संचालक रामाशीष सिंह व अन्य के लिए प्रश्नावली तैयार कर रही है. रिमांड पर मिलते ही इसी प्रश्नावली से ही इन लोगों से पूछताछ की जायेगी.
पटना. पेपर लीक मामले में अपने स्कूल में पड़े सेंटर पर चोरी कराने समेत अन्य मामलों में मिलीभगत के आरोप में पकड़े गये रामाशीष राय पर निगरानी ब्यूरो में आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला भी दर्ज है. यह मामला उस समय दर्ज हुआ था, जब वर्ष 2012 में बीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष पर बहाली में घोटाला करने से संबंधित मामला गठित हुआ था. इसी जांच के क्रम में तत्कालीन अध्यक्ष के निजी सचिव के तौर पर कार्यरत रामाशीष राय पर भी मार्च 2013 में 1.50 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था. तब से यह मामला निगरानी ब्यूरो में लंबित है और इसमें लगातार सिर्फ तारीखें ही पड़ रही हैं. पिछले चार सालों में इस मामले में करीब 50 तारीखें पड़ चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आया है. जब रामाशीष राय पर डीए का मामला दर्ज हुआ था, तब वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में आशुटंकक के पद पर कार्यरत थे. आज प्रोन्नति पाते हुए ये उप-निदेशक तक के पद पर पहुंच गये हैं, लेकिन निगरानी के इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है. इसके साथ ही उनकी संपत्ति में भी पहले से ज्यादा इजाफा हुआ है. सूत्र बताते हैं कि रामाशीष राय की निगरानी में अच्छी सेटिंग होने की वजह से इस मामले में सिर्फ तारीखें पड़ रही हैं. हर तारीख पर कोर्ट में कोई न कोई नया बहाना या कोई नयी दलील देकर मामला को फिर अगली तारीख तक के लिए टाल दिया जाता है.
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