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वाह रे BSSC! 15 साल, 15 प्रतियोगी परीक्षाएं, तीन का ही दिया रिजल्ट

रिंकू झा पटना : मैट्रिक, इंटर व स्नातक स्तरीय गैर तकनीकी पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग की स्थापना 2002 में हुई. लेकिन, बीएसएससी ने गठन के 15 साल में मैट्रिक स्तर की एक भी संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा नहीं ली. वहीं, इंटर स्तर की एक और स्नातक स्तरीय दो संयुक्त प्रतियोगी […]

रिंकू झा
पटना : मैट्रिक, इंटर व स्नातक स्तरीय गैर तकनीकी पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग की स्थापना 2002 में हुई. लेकिन, बीएसएससी ने गठन के 15 साल में मैट्रिक स्तर की एक भी संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा नहीं ली. वहीं, इंटर स्तर की एक और स्नातक स्तरीय दो संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाएं ली.
इसके साथ ही तकनीकी व गैर तकनीकी पदों के लिए छोटी-बड़ी 15 परीक्षाएं आयोजित की. इसमें तीन ही ऐसी प्रतियोगी परीक्षाएं रहीं, जिनका रिजल्ट निकला और अभ्यर्थियों को नौकरी मिली. बाकी सारी प्रतियोगी परीक्षाएं विवादों में रही, जिनके रिजल्ट का आज भी अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं. आयोग की नयी नियमावली 2010 के अनुसार आयोग को हर साल तीनों स्तरीय परीक्षा लेनी है.
34.697 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में : इंटर स्तरीय एक और स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए दो बार आवेदन लिये गये. तीनों आवेदन मिला कर अब तक 34.697 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.
इसमें इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में 18.50 लाख, स्नातक स्तरीय प्रथम संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में आठ लाख 543 आवेदन किया और द्वितीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में सात लाख 654 आवेदन आये.
इस तीनों के आवेदन में बीएसएससी को करोड़ों रुपये चालान के रूप में प्राप्त हुआ, लेकिन अभ्यर्थी को रिजल्ट नहीं मिला. गठन के आठ साल बाद ली पहली स्नातक स्तरीय परीक्षा : बीएसएससी ने अपने गठन के आठ साल बाद यानी 2010 में पहला स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया था. इसके लिए एक साथ आठ लाख 543 आवेदन आये थे. पीटी परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे, इसका विरोध अभ्यर्थियों ने किया. मामला हाइकोर्ट तक गया. प्रश्नों में सुधार भी हुआ. उसमें से कई नियुक्ति भी हुई, लेकिन अब भी सैकड़ों अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. 2010 के बाद द्वितीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए 2014 में आवेदन लिये गये. इसके लिए प्रदेश भर से सात लाख 654 आवेदन आये.
आवेदन आने के एक साल बाद 2015 में दो चरणों में पीटी लिया गया. पीटी में प्रश्न पत्र आउट हो गया. प्रश्न पत्र में 12 प्रश्न गलत भी हुए. इसके बाद 27 मार्च 2016 कोमुख्य परीक्षा हुई. लेकिन, इसका रिजल्ट नहीं निकला है. मामला हाइकोर्ट में चल रहा है.
15 साल में बिहार एसएससी ने ये सारे एग्जाम आयोजित किये
प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2014
प्रथम स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2010
द्वितीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2014
मोटरयान निरीक्षक, वाहन
चालक, राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में लिपिक पद के लिए नियुक्ति 2011
जल संसाधन विभाग में कनीय अभियंता 2011
फार्मासिस्ट परीक्षा 2011
विभिन्न विभागों में परवर्तन अवर निरीक्षक और ऑडिटर के लिये नियुक्ति 2004
अंबेडकर विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद 2011
उत्पाद अवर निरीक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2008
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन अनुसंधान सहायक के पद पर नियुक्ति 2012
अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के अधीन अमीन के पद पर
नियुक्ति 2012
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अमिन के पद पर 2014
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत
बिहार परिचारिका श्रेणी ए के लिए नियुक्ति 2014
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत मत्स्य प्रसार पदाधिकारी के पद 2014
कृषि निदेशालय के अंतर्गत कृषि समन्वयक पद पर 2015
इन तीन परीक्षाओं के रिजल्ट निकले और मिली नौकरी
मोटरयान निरीक्षक, वाहन चालक, राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में लिपिक पद के लिए नियुक्ति 2011
सहायक पर्यटक सूचना अधिकारी 2010
जल संसाधन विभाग में कनीय अभियंता 2011

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