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पटना, छपरा के दियारा क्षेत्र में बिजली पहुंचाने में होगी देरी
पटना : पटना सहित छपरा, खगड़िया और सहरसा के दियारा तथा नदी के भीतरी इलाके के सौ गांवों में बिजली पहुंचने में देरी हो सकती है. देरी होने से योजना की लागत में बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसी साल मार्च तक इन गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. पहले टावर निर्माण […]
पटना : पटना सहित छपरा, खगड़िया और सहरसा के दियारा तथा नदी के भीतरी इलाके के सौ गांवों में बिजली पहुंचने में देरी हो सकती है. देरी होने से योजना की लागत में बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसी साल मार्च तक इन गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था.
पहले टावर निर्माण में देरी हुई और अब जब टावर निर्माण शुरू हुआ तो गांव के भीतर आधारभूत संरचना का काम नहीं हो रहा है. इससे करीब 50 हजार की आबादी को लाभ होगा. छपरा और पटना जिले के 30 गांव हैं. राज्य के उन सुदूरवर्ती गांवों में दो तरह से बिजली पहुंचायी जानी है. ये एेसे क्षेत्र में है जहां पोल के जरिये बिजली नहीं पहुंचायी जा सकती है. इसे ऑफग्रिड बिजली कहा जाता है. चंपारण और कैमूर के जंगली इलाकों तथा कोसी के गांवों में सोलर सिस्टम के जरिये बिजली पहुंचायी जायेगी.
चार जिले पटना, छपरा, सहरसा व खगड़िया के दियारा और नदी क्षेत्र के सौ गांवों में टावर के जरिये बिजली पहुंचाया जाना है. मार्च तक इन गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. संवेदक टावर का निर्माण भी शुरू कर दिया है. ग्रिड से 33 केवीए का लाइन टावर के जरिये पहुंचेगा और फिर सब स्टेशन के जरिये लोगों के घरों तक पहुंचेगी. 30 टावर का निर्माण होना है. संवेदक को मार्च तक काम पूरा करने को कहा गया. एक टावर के निर्माण पर 30 से 35 लाख खर्च आता है. बताया जा रहा है कि टावर निर्माण का काम तो चल रहा है लेकिन गांवों में तार-पोल लगाने का काम नहीं हो रहा है. पिछले साल यह योजना शुरू हुयी थी. अगले साल के अंत तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. पटना व छपरा जिला के इन गांवों की दूरी राजधानी पटना से चंद किलोमीटर है. लेकिन वहां अभी तक बिजली नहीं पहुंच सकी है.
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