पटना : बिहार विधानसभा के 97वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों के वर्तमान और पूर्व सदस्यों को बुलाया गया था. इस मौके पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने अपनी बात रखी. इस अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविरमेंकई नेताओं और मंत्रियों ने भाग लिया. मौके पर बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि पूरे देश में बिहार पहला राज्य हैं जहां के विधायकों द्वारा सामूहिक रक्तदान किया जाता है. यह अनूठा उदाहरण है जहां के विधायकी के सदस्यों द्वारा मानवीय संवेदनशीलता दिखायी जाती है. एक यूनिट खून से चार लोगों को जिंदगी मिलती है. उन्होंने बताया कि पिछली बार 100 विधायकों ने रक्तदान किया था.
नये विधायकों को दिया संदेश
विजय चौधरी ने इस मौके पर यह पूर्व सदस्यों के बारे में बोलते हुए कहा कि पूर्व विधायक ही सदन के इतिहास हैं. वर्तमान विधायकों को संदेश देते हुए उन्होंने बताया कि संसदीय प्रणाली में विधायिका के तीन काम होता है. विधान बनाना, सरकार के आय-व्यय की स्वीकृति देना और हर विभाग के मांग की स्वीकृति देना है. विधानमंडल के प्रति सरकार भी जिम्मेवार होती है. विधायकों का मुख्य काम कानून और बजट बनाने का है वह दूसरी पाली में होती है. पर जब दूसरी पाली आरंभ होती है तो उसमें सदस्यों की उपस्थिति घट जाती है. दूसरी पाली अहम सत्र होता है. सदस्य अधिक से अधिक सदन की कार्यवाही में रुचि लें.
मंत्री विधायकों ने किया रक्तदान
विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीवित रहते हुए सदस्यों को रक्तदान करना चाहिए. मरने के बाद देहदान की आवश्यकता है. जीवित व्यक्ति रक्तदान कर चार लोगों की जान बचाता है तो मरने के बाद देहदान से आठ लोगों की जान बचायी जा सकती है.इसमौके परउपस्थित पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं और मंत्रियों के साथ विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने भी रक्तदानकिया. समारोह में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, मंत्रिपरिषद सदस्यों में विजेंद्र प्रसाद यादव, राजीव रंजन प्रसाद सिंह उर्फ ललन सिंह, कपिलदेव कामत, फिरोज अहमद उर्फ खुर्शीद आलम, अब्दुल जलील मस्तान सहित अन्य लोगों के अलावा 150 विधायक, 57 पूर्व विधायक और 15 विधान परिषद के सदस्यों के साथ पूर्व विधानसभा के सचिवों ने भाग लिया.