Advertisement
धान खरीद को तेज करने में जुटे अधिकारी
मुख्यमंत्री ने दी हिदायत, 15 फरवरी तक ही धान खरीद के लिए किसानों का होगा निबंधन पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हिदायत के बाद धान को तेज करने में अधिकारी जुट गये हैं. भले ही अब तक पूर्व की वर्ष की अपेक्षा दोगुनी धान की खरीद हो, पर इस साल धान की दो गुना […]
मुख्यमंत्री ने दी हिदायत, 15 फरवरी तक ही धान खरीद के लिए किसानों का होगा निबंधन
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हिदायत के बाद धान को तेज करने में अधिकारी जुट गये हैं. भले ही अब तक पूर्व की वर्ष की अपेक्षा दोगुनी धान की खरीद हो, पर इस साल धान की दो गुना से अधिक उपज की अपेक्षा बहुत ही कम खरीद माना जा रहा है. विभागीय अधिकारी ने बताया कि निश्चय यात्रा के दौरान धान की खरीद नहीं होने की शिकायत के बाद सीएम ने सहकारिता विभाग के अधिकारी को धान खरीद की गति तेज करने की हिदायत दी है.
एक दिसंबर से शुरू हुई धान की खरीद में अब तक पूरे राज्य में मात्र साढ़े चार लाख टन खरीद की जा सकती है. कम से कम 30 लाख टन धान की खरीद की लक्ष्य को 31 मार्च तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है. सहकारिता विभाग ने धान की खरीद के लिए 15 फरवरी अंतिम तिथि तय किया है. धान की खरीद से जुड़े अधिकारी ने बताया कि यह समय काफी कम है. यदि 15 फरवरी तक ही निबंधन हुआ तो किसानों की परेशानी बढ़ेगी. मुख्यमंत्री की हिदायत के बाद रविवार को सहकारिता विभाग की बैठक में धान की खरीद को तेज करने के लिए अपूर्ण लगभग सवा लाख आवेदन को किसानों से संपर्क कर दूर करने का निर्देश दिया गया है. अपूर्ण निबंधन की समस्या को दूर करने की जिम्मेवारी प्रखंड सहकारिता विकास पदाधिकारी को सौंपा गया है.
शिकायत दर्ज कराने के लिए जारी हुआ टॉल फ्री नंबर : विभागीय अधिकारी ने बताया कि धान की खरीद से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए सहकारिता विभाग ने टॉल फ्री नंबर जारी किया है. दस टेलिफोन नंबर के इस टॉल फ्री नंबर 18003456290 पर किसान अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. धान खरीद के नोडल ऑफिसर आरपी सिंह ने कहा कि धान खरीद की सुस्ती को जल्द ही दूर कर लिया जायेगा. चावल के उठाव को भी तेज करने की उपाय की गयी है.
किसानों के ऑनलाइन मिले अपूर्ण निबंधन को ठीक करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये जा रहे हैं. किसानों के शिकायतों को दूर करने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी कर दिया गया है.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि धान की कुटाई के बाद मिलरों से एसएफसी द्वारा तेजी से चावल का उठाव नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह से पैक्सों में खरीदे गये धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है.
सबसे बड़ी चिंता है कि कहीं बारिश हुई तो पैक्स और सरकार को बड़ी क्षति का सामना करना पड़ेगा. वहीं धान खरीद के लिए मिले सात सौ करोड़ रुपये भी अब खत्म होने की ओर है. अब तक इसके लिए साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये जिलों को दिया जा चुका है. शेष डेढ़ सौ करोड़ रुपये मुश्किल से तीन से चार दिन भी नहीं चल सकेंगे. चावल के उठाव नहीं होने से राज्य खाद्य निगम से पैक्सों के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं.
अधिकारी ने बताया कि यदि चावल के उठाव में तेजी नहीं आयी तो परेशानी बढ़ेगी. हालांकि सीएम के निर्देश के बाद इस समस्या से निबटने में अधिकारी जुट गये हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement