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बिहार को 10 हजार करोड़ अधिक मिलने की संभावना

पटना : नये वित्तीय 2017-18 के लिए केंद्र ने आम बजट पेश कर दिया है. आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में बिहार के लिए विशेष पैकेज या कुछ भी खास तो नहीं है. परंतु केंद्रीय पूल से राज्य को टैक्स की हिस्सेदारी में इस बार 10 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलने की संभावना है.चालू वित्तीय […]

पटना : नये वित्तीय 2017-18 के लिए केंद्र ने आम बजट पेश कर दिया है. आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में बिहार के लिए विशेष पैकेज या कुछ भी खास तो नहीं है. परंतु केंद्रीय पूल से राज्य को टैक्स की हिस्सेदारी में इस बार 10 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलने की संभावना है.चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में केंद्रीय टैक्स शेयर में बिहार को 55 हजार 233 करोड़ की हिस्सेदारी तय की गयी है. आगामी वित्तीय वर्ष में इसके तहत 65 हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. चालू वित्तीय वर्ष में निर्धारित राशि 55 हजार 233 करोड़ में करीब 46 हजार करोड़ प्राप्त हो चुकी है. मार्च के अंत तक पूरी राशि के आने की संभावना है.

वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान केंद्र ने सभी राज्यों के बीच सेंट्रल पूल टैक्स से हिस्सेदारी वितरित करने के लिए पांच लाख 70 हजार करोड़ का प्रावधान रखा था. जबकि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए इसमें छह लाख 74 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इस बढ़ोतरी का लाभ राज्य को मिलेगा. इसके साथ ही राज्य में चलने वाली लगभग 57 केंद्र प्रायोजित योजनाओं में भी ज्यादा रुपये मिलने की संभावना है. केंद्रीय आवंटन के आधार पर ही इस बार राज्य का बजट आकार भी काफी हद तक निर्भर करेगा.क्योंकि नोटबंदी के बाद राज्य के आंतरिक टैक्स कलेक्शन की स्थिति काफी प्रभावित हुई है.
चालू वित्तीय वर्ष में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 28 हजार 777 करोड़ रुपये देने का प्रावधान रखा गया है, लेकिन इसमें अभी तक काफी कटौती है. सभी केंद्रीय योजनाओं में राज्य को महज 15 हजार करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं. इंदिरा आवास योजना, पीएमजीएसवाय, सर्व शिक्षा अभियान, आइसीडीएस (आंगनबाड़ी) समेत अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाओं में अब तक केंद्रीय आवंटन काफी कम आया है. अगर नये वित्तीय वर्ष में भी स्थिति यह बनी रही, तो राज्य को आर्थिक समस्या उठानी पड़ेगी तथा जन सरोकार से जुड़ी योजनाओं को गति देने के लिए रुपये जुटाने में बेहद मशक्कत करनी पड़ेगी.
नये बजट 2017-18 में केंद्र ने सभी केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में अपना आवंटन बढ़ाया है, लेकिन केंद्रीय योजनाओं में बिहार के लिए कितना अधिक आवंटन रखा गया है. इसका आकलन अभी नहीं हुआ है. बीआरजीएफ के अंतर्गत बकाये रुपये का भी आकलन होना है. बीआरजीएफ में राज्य का बकाया चार हजार करोड़ है, जिसमें 1350 करोड़ रुपये ही इस बार अभी तक आया है. मार्च समाप्त होने के बाद इन योजनाओं की सही स्थिति का आकलन हो पायेगा.
राज्य का बजट आकार भी करेगा निर्भर
आंतरिक टैक्स के सबसे प्रमुख स्रोत वाणिज्य कर विभाग ने अभी तक 1300 करोड़ ही कलेक्शन किया है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में टारगेट 2200 करोड़ का है. बीते वित्तीय वर्ष वाणिज्य कर ने करीब 1700 करोड़ रुपये टैक्स संग्रह किया था. चालू वित्तीय वर्ष में इस आंकड़े के पार होने की संभावना नहीं है.
इसी तरह की स्थिति निबंधन विभाग की भी है. इस बार 3800 करोड़ के टारगेट में अब तक करीब तीन हजार करोड़ ही जमा हुए हैं. इन तमाम पहलूओं के मद्देनजर राज्य के बजट आकार में 9-10 हजार करोड़ की ही बढ़ोतरी होने की संभावना है. वर्तमान बजट आकार एक लाख 40 हजार करोड़ का है.
राज्य को नेशनल हाइवे सड़कों के विस्तार व मरम्मत के लिए अगले वित्त वर्ष 2017-18 में लगभग दो हजार करोड़ मिलेंगे. केंद्र द्वारा पेश आम बजट में बिहार में एनएच सड़कों की चौड़ीकरण, मरम्मत के अलावा पुलों का निर्माण आदि के लिए 2016-17 की तुलना में लगभग 35 फीसदी अधिक राशि मिलने की संभावना है. एनएच क्षेत्रीय कार्यालय ने एनएच सड़कों के निर्माण व मरम्मत को लेकर दो हजार करोड़ का प्रस्ताव भेजा था.
मिली जानकारी के अनुसार सड़क मंत्रालय ने बिहार में एनएच सड़कों के चौड़ीकरण, मरम्मत, एनएच सड़कों पर पुलों का रख-रखाव को लेकर चालू वित्तीय वर्ष में 1550 करोड़ राशि दी थी. सड़कों के चौड़ीकरण, मरम्मत के अलावा पांच एनएच सड़कों एनएच 98, एनएच 104, एनएच 106, एनएच 30 ए व एनएच 82 के चौड़ीकरण के लिए डीपीआर तैयार करने सहित अन्य मदों में जनवरी तक लगभग एक हजार करोड़ खर्च हुए हैं. उक्त सभी एचएच के चौड़ीकरण का काम विश्व बैंक की सहयोग से होना है. एनएच 82 बिहारशरीफ-गया फोर लेन का निर्माण जापान की संस्था जाइका के सहयोग से होना है. एनएच 98, एनएच 104, एनएच 106 का चौड़ीकरण काम विश्व बैंक के सहयोग से हो रहा है. सड़कों के चौड़ीकरण पर प्रत्येक किलोमीटर लगभग चार करोड़ खर्च होता है. जानकारों के अनुसार अगर केवल चौड़ीकरण का काम हो तो लगभग लगभग पांच सौ किलोमीटर एनएच सड़कें सात से दस मीटर चौड़ी होगी. सड़क मंत्रालय से मिलनेवाली राशि से क्षतिग्रस्त एनएच सड़कों की मरम्मत व पुलों का रख-रखाव आदि करना होता है. ऐसे में सड़कों का चौड़ीकरण कुछ कम होगा.
जनवरी तक खर्च हुए एक हजार करोड़
राज्य में एनएच सड़कों के चौड़ीकरण, मरम्मत, पुलों का निर्माण आदि में चालू वित्तीय साल में मिली राशि में जनवरी तक लगभग एक हजार करोड़ खर्च हुआ है. इसमें सड़कों के चौड़ीकरण व चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण मद में लगभग 552करोड़ खर्च हुए हैं. एनएच सड़कों की मरम्मत व रख- रखाव में लगभग 63 करोड़ खर्च हुए है. पांच एनएच के मद में 387 करोड़ खर्च हुए हैं.
राशि बढ़ाेतरी नहीं होने से विकास पर पड़ेगा असर : सदानंद
प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि बजट में बहुत सी योजनाओं के आवंटन में पिछले बजट की तुलना में घटाया गया या फिर उसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है. इसका असर विकास पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पिछले बजट में 13 हजार 240 करोड़ रुपये की तुलना में इस बार सिर्फ नौ हजार करोड़ का ही आवंटन किया गया है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व
गरीब परिवारों को एलपीजी योजना में पेश बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है. बैंकों के पुनः पूंजीकरण के इंद्रधनुष योजना में पिछले आवंटन 25 हजार करोड़ रुपये था जबकि इस बार मात्र दस करोड़ रुपये रखा गया है.

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