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नेपाल ही नहीं, दुबई से भी जुड़े कानपुर ट्रेन हादसे के लिंक

एनआइए टीम को जांच में जुड़े होने के मिले सबूत पटना : कानपुर के पास इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के मामले में कुछ दिनों पहले मोतिहारी के पास नेपाल सीमा से गिरफ्तार हुआ मोती पासवान समेत तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी. मोती के अलावा दो अन्य लोग शंकर और मुकेश को भी गिरफ्तार किया […]

एनआइए टीम को जांच में जुड़े होने के मिले सबूत
पटना : कानपुर के पास इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के मामले में कुछ दिनों पहले मोतिहारी के पास नेपाल सीमा से गिरफ्तार हुआ मोती पासवान समेत तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी.
मोती के अलावा दो अन्य लोग शंकर और मुकेश को भी गिरफ्तार किया गया था. इनके साथ पकड़े गये दो अन्य नेपाली नागरिक शंकर गिरी और मुजाहिद्दीन को पूछताछ के बाद छोड़ना पड़ना था. नेपाली नागरिक होने के कारण इन्हें सीधे तौर पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था. इनकी गिरफ्तारी के बाद एनआइए इस मामले की जांच में जुटी हुई है.
अब तक हुई जांच में यह बात सामने आयी है कि नेपाल से आगे यानी दुबई तक इस साजिश के तार जुड़े हुए हैं. गिरफ्त में आये मोती, शंकर और मुकेश के अलावा इस गैंग में शामिल अन्य संदिग्ध मुख्य रूप से भाड़े के लोग हैं. ये लोग पैसे लेकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. इसमें सबसे अहम बात है इन्हें पैसे सप्लाई करने वाले मुख्य सरगना तक पहुंचना. एनआइए इसके लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. हालांकि अब तक हुई जांच में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से इसका कोई सीधा लिंक नहीं मिला है.
नेपाल में बैठा इस गैंग का मुख्य सरगना है, जिसके इशारे पर ये लोग काम करते हैं. इसी सरगना से इन लोगों को काम को अंजाम देने के बदले रुपये मिलते हैं. इस सरगना को इस तरह की आतंकी गतिविधि फैलाने के लिए दुबई से फंडिंग होती है.
इसमें डी-गैंग के अलावा कोई अन्य भी हो सकता है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुबई का यह फंडर हैं कौन. अब तक की जांच में दो नये नाम भी सामने आये हैं. इसमें एक अन्य नेपाली नागरिक और इस गैंग से जुड़ा एक नया सदस्य आशीष सिंह और दूसरा दुबई की नागरिकता प्राप्त शमसुल अंसारी है. शमसुल काफी समय से नेपाल में ही रहकर इस गैंग के लगातार संपर्क में है. शमसुल के बारे में यह आशंका जतायी जा रही है कि इसका संपर्क पाकिस्तान से हो सकता है. परंतु अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शमसुल ही मोती और उसके सरगना को पैसे देता था. कुछ अधिकारी यह भी बताते हैं कि शमसुल को भी किसी से पैसे और निर्देश मिलते हैं, जिसे वह आगे सप्लाई करता है.
पूरी जांच इसी बिन्दु पर चल रही है कि दुबई से पैसे सप्लाई करने वाला और नेपाल में मोती गैंग का सरगना कौन है या दोनों एक ही आदमी है. इसका खुलासा होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि दहशतगर्दी का कारोबार करने वालों के पीछे आखिर कौन लोग हैं.

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