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शिव बालक को डेढ़ साल बाद मिली नयी जिंदगी
एनएमसीएच में नि:शुल्क हुआ मरीज का इलाज व ऑपरेशन पटना : पिछले डेढ़ साल से बेजान पड़े एक मरीज की जिंदगी में उस समय खुशियां लौट आयी, जब उसे पता चला की वह एक महीने बाद चल सकता है. काम के दौरान घायल 55 साल के शिव बालक शर्मा के हाथ और पैर दोनों ही […]
एनएमसीएच में नि:शुल्क हुआ मरीज का इलाज व ऑपरेशन
पटना : पिछले डेढ़ साल से बेजान पड़े एक मरीज की जिंदगी में उस समय खुशियां लौट आयी, जब उसे पता चला की वह एक महीने बाद चल सकता है. काम के दौरान घायल 55 साल के शिव बालक शर्मा के हाथ और पैर दोनों ही काम नहीं कर रहे थे. पटना सिटी के नारायणपुर के रहनेवाले शिव बालक को स्पाइनल सर्जरी कर बीमारी से निजात दिलायी गयी. यह सर्जरी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हड्डी रोग विभाग के डॉ महेश प्रसाद के नेतृत्व और उनकी टीम की मदद से शनिवार को हुई. एनएमसीएच के इतिहास में इस तरह की दूसरी सर्जरी की गयी.
दिल्ली रेफर कर दिये थे पटना के डॉक्टर : पेशे से राज मिस्त्री शिव बालक शर्मा के ऊपर सीमेंट की बोरी गिर गयी थी. इससे उसके गरदन की नस दब गयी. बड़ी बात तो यह है कि वह पटना के कई प्राइवेट अस्पतालों में गया, जहां डॉक्टरों ने चेक तो किया, पर ऑपरेशन करने की हिम्मत नहीं दिखायी. अंत में मरीज को एनएमसीएच ले जाया गया.
एक दिन बाद अपने पैर पर खड़ा हो गया : एनएमसीएच हड्डी रोग विभाग के डॉ महेश प्रसाद ने बताया कि सरवाइकल के कारण गरदन की नस दब गयी थी. इससे हाथ-पैर चलने बंद हो गये थे और भीषण दर्द से वह दिन-रात बेचैन था. लेकिन, ऑपरेशन के बाद उसके हाथ-पैर काम करने शुरू कर दिये. एक महीने के अंदर मरीज चलना शुरू कर देगा. डॉ महेश ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल में इस ऑपरेशन में डेढ़ से दो लाख रुपये लगते हैं. जबकि, एनएमसीएच में नि:शुल्क व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि एनएमसीएच के हड्डी रोग विभाग में अब नियमित स्पाइन की सर्जरी शुरू कर दी गयी है. ऑपरेशन करनेवाली टीम में एनेस्थिसिया विभाग के डॉ राजेश्वर प्रसाद, डॉ एनके सिंह, डॉ वीरेंद्र प्रसाद भी शामिल थे.
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