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बिहारशरीफ-गया फोर लेन तीन साल में बन जायेगा
पटना : बिहारशरीफ से गया के बीच फोर लेन बनाने का काम शुरू हो गया है. जापान की संस्था जायका के सहयोग से बननेवाली यह पहली सड़क है. एग्रीमेंट के अनुसार तीन साल में फोर लेन बनाने का काम पूरा होगा. फोर लेन बनाने का काम हैदराबाद की कंपनी गायत्री प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है. […]
पटना : बिहारशरीफ से गया के बीच फोर लेन बनाने का काम शुरू हो गया है. जापान की संस्था जायका के सहयोग से बननेवाली यह पहली सड़क है. एग्रीमेंट के अनुसार तीन साल में फोर लेन बनाने का काम पूरा होगा. फोर लेन बनाने का काम हैदराबाद की कंपनी गायत्री प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है.
बिहार राज्य पथ विकास निगम ने फोर लेन बनाने के लिए 80 फीसदी जमीन अधिग्रहण कर कंपनी को दी है.फोर लेन बनने से बुद्धिस्ट सर्किट क्षेत्र में लोगों को आने-जाने में सुविधा बढ़ेगी. बिहारशरीफ-नालंदा-राजगीर-हिसुआ गया के बीच 93 किलोमीटर फोर लेन के निर्माण पर 1408 करोड़ खर्च होंगे. जायका से 1216 करोड़ ऋण मिलेगा. शेष राशि बिहार सरकार खर्च करेगी. कंपनी को जमीन अधिग्रहण कराने के बाद सड़क निर्माण का काम शुरू हो गया है. बिहारशरीफ-गया फोर लेन बनने से बुद्धिस्ट सर्किट क्षेत्र में वाहनों के आवागमन की सुविधा बढ़ेगी.
इस सड़क की कनेक्टिविटी पटना-गया-डोभी के अलावा मोकामा-बरबीघा व बिहरारशरीफ के साथ होगा. साथ ही सड़क की कनेक्टिविटी पटना-बख्तियारपुर एन.एच- 30 व रजौली-बख्तियारपुर एन.एच.- 31 के साथ होने से सुविधा बढ़ेगी. बौद्ध पर्यटक गया से हिसुआ होते हुए राजगीर,नालंदा आने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
नेशनल हाइवे का दो माह में होगा मरम्मत काम
रजौली-बख्तियारपुर नेशनल हाइवे को मोटरेबल बनाने के लिए दो माह में उसकी मरम्मत होगी. सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त कराने का पथ निर्माण विभाग की एनएच विंग ने निर्णय लिया है. रजौली से बख्तियारपुर के बीच जगह-जगह सड़क क्षतिग्रस्त हो गयी है. क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत पर लगभग पौने चार करोड़ खर्च होंगे. पथ निर्माण विभाग की एनएच विंग ने सड़क की मरम्मत के लिए अलग-अलग पार्ट में तीन कांट्रैक्टर का चयन किया है. सड़क मरम्मत में बिहारशरीफ व औरंगाबाद के कांट्रैक्टर शामिल हैं.
सड़क मरम्मत का काम अलग-अलग पार्ट में एक माह से लेकर दो माह में पूरा करना है. रजौली से बख्तियारपुर नेशनल हाइवे 31 को फोर लेन बनाने का निर्णय लिया गया था. बिहार राज्य पथ विकास निगम के जिम्मे यह काम था. कांट्रैक्टर द्वारा काम में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण बिहार सरकार ने इस सड़क को केंद्र को वापस कर दिया. रजौली से बख्तियारपुर के बीच जगह-जगह सड़क के क्षतिग्रस्त होने से वाहनों के आवागमन में कठिनाई हो रही है. लोगों को हिचकोले खाने पड़ रहे हैं. पथ निर्माण विभाग ने क्षतिग्रस्त सड़क को दो माह में मरम्मत कर उसे मोटरेबल बनाने के लिए कांट्रैक्टर को काम सौंप दिया है.
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