पटना: लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने के रुख पर जदयू कायम है. शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि पीएम पद को लेकर हर दिन न्यूज बुलेटिन जारी नहीं किया जायेगा और न ही यह परिचर्चा का विषय है कि इस पर सवालों का जवाब दिया जाये.
एनडीए के सबसे बड़े घटक दल होने के नाते फैसला भाजपा को करना है. पीएम पद को लेकर किसी नेता का नाम आने के बाद एनडीए में घटक दल होने के नाते हम उस पर विचार करेंगे.
मुख्यमंत्री लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि यह कोई जरूरी नहीं है कि लोकसभा चुनाव से पहले पीएम पद का नाम घोषित कर दिया जाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू एक राजनीतिक दल है. हर राजनीतिक दल राजनीतिक प्रस्तावों या संकल्पों के माध्यम से अपनी बात कहता है.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू ने पीएम पद को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. अब यह जरूरी नहीं कि उसी मुद्दे (पीएम पद) पर हर दिन कुछ कहा जाये. हम हर दिन होनेवाली चर्चा में भाग नहीं लेते. एक ही सवाल पर हम हर दिन उत्तर लेते व देते रहें, जरूरी नहीं. भाजपा ही इस मुद्दे पर निर्णय लेगी. आइपीएल में स्पॉट फिक्सिंग को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिकेट एक खेल है.
लेकिन, इस खेल में भी कई खेल हैं. स्पॉट फिक्सिंग एक तरह की विकृति है. अब यह खेल के तौर पर नहीं रह गया है. खेल से जुड़े लोगों को इस पर विचार करना चाहिए. एक तरह से क्रिकेट का व्यवसायीकरण हो चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि खेलकूद को खिलाड़ियों के भरोसे ही छोड़ देना चाहिए. जिस खिलाड़ी को आइकॉन के रूप में बताया जाता है, वे ऐसा करें, तो बुरा लगता है. व्यक्तिगत रूप से भी दुख होता है. आइपीएल बंद किये जाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि हम इसके विशेषज्ञ नहीं हैं. लेकिन, जो घटनाएं हो रही है, वह दुखद हैं.