पटना : एक मिनट तक मौर्या लोक में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. परिसर में जैसे ही सायरन बजा, लोग अपने ऑफिस और दुकानों से मौर्या लोक परिसर के बीच में खाली जगह पर एकत्र हाे गये. रिक्टर स्केल पर छह तीव्रता का भूकंप आया था. हालांकि, यह भूकंप नहीं, उससे बचाव के लिए की गयी मॉक ड्रिल थी.
सोमवार को मौर्या लोक आपदा प्रबंधन प्राधिकार और नगर निगम की ओर से एनडीआरएफ की सहायता से मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया. इस दौरान बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अनुज तिवारी की अगुआई में परिसर के ऑफिस और दुकानदारों को भूकंप के बचाव के उपाय बताये गये. उन्होंने बताया कि भूकंप सुरक्षा सप्ताह के दौरान शहर के कई जगहों पर इस तरह के मॉक ड्रिल किया जाना है. सबसे पहले मौर्या लोक को चुना गया. भूकंप के पूर्वाभ्यास में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के आठ अधिकारियों सहित पूरी टीम अायी थी. इसके अलावा एनडीआरएफ के अधिकारी और 80 जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन का रिहर्सल किया और लोगों को भी जागरूक किया. एनडीआएफ के अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि पटना सिस्मिक जोन चार में आता है. इसलिए यहां छह रिक्टर स्केल पर भूकंप आने की संभावना रहती है. जब हमें पहले से आवश्यक बचाव जानकारी हो, तो काफी लोगों को सुरक्षित बचाया जा सकता है.
भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप आने पर झुको, ढको और पकड़ो के नियम पर काम करना चाहिए. जैसे ही भूकंप आता है, तो पहले खुद झुक कर कमरे के एक कोने में खड़ा हो जाना चाहिए. इसके बाद किसी मजबूत आधार के नीचे ढकना चाहिए. इसके बाद उसे पकड़ कर उस स्थान पर रहना चाहिए.
मौके पर विशेषज्ञों ने बताया कि जब भूकंप का पहला झटका खत्म हो जाता है, तो बड़े भवन की ऊंचाई से डेढ गुना दूरी पर खाली मैदान या सड़क पर जाना चाहिए. कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया. इस दौरान आपदा प्राधिकार के डॉक्टर पल्लव कुमार, अजीत कुमार, डाॅक्टर मधुबाला सिंह व एनडीआरएफ के संजय कुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.