37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

औरंगाबाद हत्याकांड : बेटी के हाथ पीले नहीं कर पाये बच्चा शर्मा, 7 साल बची थी नौकरी

पटना : सात साल नौकरी बची थी, इस अवधि में एकमात्र पुत्र को शिक्षक व बड़ी बेटी को शिक्षिका बनाने की चाहत थी,जि सके लिए बच्चों को अक्सर नसीहत देते थे, यह कहते हुए फफक उठती है बड़ी बेटी रूमा कुमारी. बेटी बताती है कि सुबह 11 बजे पापा से बात हुई थी. रूमा नालंदा […]

पटना : सात साल नौकरी बची थी, इस अवधि में एकमात्र पुत्र को शिक्षक व बड़ी बेटी को शिक्षिका बनाने की चाहत थी,जि सके लिए बच्चों को अक्सर नसीहत देते थे, यह कहते हुए फफक उठती है बड़ी बेटी रूमा कुमारी. बेटी बताती है कि सुबह 11 बजे पापा से बात हुई थी. रूमा नालंदा खुला विश्वविद्यालय से भूगोल में एमएम की पढ़ा ई कर रही है, ताकि नेट नि काल कर पिता के सपना को साकार कर सके. वह बताती है दिसंबर माह में 31 को छुट्टी से वापस ड्यूटी पिता जी घर से गये थे. छोटी बहन रीभा को बी कॉम की पढ़ाई करा रहे थे, ताकि वो बैंक में नौकरी करे. एकमात्र बेटा अमरीश कुमार शर्मा को भी शिक्षक बनाना चाहते थे, जो बीपीइएड कर रहा है. दोपहर को जब घर पर पिताजी की मौत की सूचना आयी, तो मातम सा पसर गया.

बेटी की शादी का सपना अधूरा

यह स्थिति है औरंगाबाद में तैनात केंद्रीय औद्योगि क सुरक्षा बल के जवान बच्चा शर्मा के घर की , जो महुली पंचायत के मिर्जापुर में है. गांव के लोग बेटे अमरीश को लेकर औरंगाबाद प्रस्था न कर गये हैं. इधर, घर में पत्नी दुर्गावती देवी की तबीयत पति की मौत की खबर आने के बाद बिगड़ गयी है. परिजनों ने बताया कि बच्चा शर्मा बड़ी बेटी की शादी की तिथि तय करने को आनेवाले थे. बेटी के हाथ पीले करने का उनका सपना अधूरा ही रह गया. 11 माह पहले ही हुई थी उनके छोटे भाई की मौत तीन भाइयों में बड़ा भाई राम बचन शर्मा हैं, जबकि बच्चा शर्मा मंझले थे.

गांव में पसरा मातम

इसके बाद छोटे भाई स्वर्गीय जतन शर्मा हैं. परिजनों ने बताया कि राम बचन शर्मा बिहार पुलिस में थे, जबकि छोटे स्वर्गीय जतन शर्मा गृह रक्षा वाहिनी के जवान थे. बीते तीन फरवरी 2016 को फुलवारीशरीफ में ड्यूटी के दरम्यान ही उनकी दुर्घटना में मौत हो गयी थी. इनके पुत्र रणधीर कुमार व विशाल बेटी लाडली बताती हैं कि अब पिता की मौत के गम से उबरे भी नहीं थे कि मंझले पिता की मौत ने झकझोर कर रख दिया है. इन लोगों ने बताया कि पिता की मौत के बाद सहायता के लिए अधिकारियों ने भरोसा दिया था, लेकिन अब तक सहायता नहीं मिली. घर पर दुख का बादल छा गया है. गांव में भी मातम पसरा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें