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राज्य का आगामी बजट 1.60 लाख करोड़ का
वार्षिक योजना मद में खर्च होंगे 80 हजार करोड़ पटना : बिहार के नये बजट की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में वित्त विभाग जुटा हुआ है. नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राज्य का बजट आकार करीब एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये का अनुमान लगाया जा रहा है. मौजूदा वित्तीय सेहत और सभी […]
वार्षिक योजना मद में खर्च होंगे 80 हजार करोड़
पटना : बिहार के नये बजट की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में वित्त विभाग जुटा हुआ है. नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राज्य का बजट आकार करीब एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये का अनुमान लगाया जा रहा है.
मौजूदा वित्तीय सेहत और सभी तरह के खर्चों की स्थिति के आधार पर यह अनुमान है. हालांकि, मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंतिम तिमाही के परिणामों के आधार पर इसमें थोड़ी बहुत फेरबदल किया जा सकता है. इस बार योजना और गैर-योजना आकार के स्थान पर वार्षिक योजना व्यय और स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के रूप में बजट को बांट कर राशि निर्धारित की जायेगी. स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय में वेतन, पेंशन, भत्ता, ब्याज जैसे अन्य मदों के खर्चों को रखा गया है. आगामी बजट के अंतर्गत इस मद में खर्च का सबसे बड़ा बोझ सभी स्तर के राज्य कर्मियों को सातवां वेतनमान देने से जुड़ा है. इसमें करीब 10 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ राज्य खजाने पर पड़ेगा. इस वजह से स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के आकार में 10 हजार करोड़ की एकदम से बढ़ोतरी होगी. चालू वित्तीय वर्ष के बजट में गैर-योजना आकार (नये बजट में इसका नाम स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय होगा) करीब 72 हजार करोड़ का है. इसके बढ़ कर करीब 82 हजार करोड़ होने की संभावना है.
इस तरह वार्षिक योजना व्यय और स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय को मिलाकर नये वित्तीय वर्ष के बजट का आकार एक लाख 60 हजार करोड़ के आसपास होने की पूरी संभावना है. चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन महीने में राजस्व संग्रह में जितनी गति देखी जायेगी, उसके आधार पर ही बजट आकार का अंतिम स्वरूप काफी हद तक निर्भर करता है.
फिलहाल नोटबंदी का कोई असर राजस्व संग्रह पर देखने को नहीं मिल रहा है. चूकि दिसंबर के अंतिम महीने तक पुराने नोट में टैक्स जमा करने की छूट मिली हुई थी. इस वजह से नगर निगम समेत अन्य कुछ महकमों में टैक्स कलेक्शन की रफ्तार अच्छी देखी गयी है. जनवरी महीने के बाद ही इस बात की सटीक जानकारी मिल पायेगी कि टैक्स कलेक्शन में नोटबंदी ने कितना प्रभाव डाला है. अब तक हुए राजस्व संग्रह के अनुसार, करीब 18 हजार करोड़ रुपये का संग्रह कर लिया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में आंतरिक टैक्स स्रोतों से 32 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह का टारगेट रखा गया है. फिलहाल वित्त विभाग ने करीब एक लाख 60 हजार करोड़ के बजट के मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. इसको लेकर कई स्तर पर मंथन चल रहा है और राजस्व बढ़ाने की नयी जुगत पर भी विचार किया जा रहा है.
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