पटना: विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि गांधी मैदान के दक्षिणी-पूर्वी छोर पर एक निजी कंपनी द्वारा किये जा रहे अस्थायी निर्माण कार्य के मामले को मुख्यमंत्री से बात कर भवन निर्माण मंत्री सुलझाएं.
प्रश्नकाल के दौरान राजद के प्रो नवल किशोर यादव के अल्पसूचित प्रश्न का भवन निर्माण मंत्री दामोदर रावत जवाब दे रहे थे. नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गांधी मैदान के अंदर कंपनी पक्का निर्माण कार्य कर रही है, जबकि मुख्यमंत्री पर्यावरण को लेकर संवेदनशील हैं. वहां दो साल तक निर्माण कार्य चलेगा.
इस बीच वहां सुबह की सैर करनेवालों को तो परेशानी होगी ही, साथ ही गांधी मैदान की गरिमा को भी नुकसान पहुंचेगा. राजद के प्रो गुलाम गौस ने कहा कि जब गांधी मैदान में स्टील स्ट्रक्चर के लिए वेल्डिंग मशीन का काम होगा, तो पर्यावरण को क्षति होगी. नवल किशोर यादव का कहना था कि गांधी मैदान की चहारदीवारी को सात फुट ऊंचा कर दिया गया है और उसमें नुकीले लोहे के रॉड लगाये हैं. ऐसे में अगर अंदर भगदड़ होती है, तो भागने के क्रम में लोगों की जान भी जा सकती है.
इस पर जदयू के महाचंद्र प्रसाद सिंह, कांग्रेस की डॉ ज्योति व भाजपा के बैद्यनाथ प्रसाद समेत कई अन्य सदस्यों ने भी चिंता जतायी. इससे पहले भवन निर्माण का कहना था कि सरकार इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण 490 करोड़ रुपये की लागत से करा रही है. इस परियोजना को कंपनी ने 30 माह में पूरी करने की बात कही है, जबकि सरकार इसे दो साल में पूरा कराना चाहती है. गौरतलब है कि गांधी मैदान की साढ़े छह एकड़ जमीन सरकार ने मगध महिला कॉलेज के समीप अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कर रही अहलुवालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को दो साल के लिए आवंटित कर दी है. कंपनी ने टीन की चादर से पूरे इलाके को घेर कर गांधी मैदान में अस्थायी निर्माण का काम शुरू कर दिया है, जिसका कई संगठन विरोध कर रहे हैं.