पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शनिवार की शाम 7:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद ट्विटर पर तल्ख प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि मोदीजी चुनौती है? बलिदान, त्याग इत्यादि की कथा और परमार्थ की बातें अपने अमीर मित्रों को सुनाकर देखो. दो मिनट में आपको अपदस्थ कर देंगे.
मोदीजी चुनौती है? बलिदान, त्याग इत्यादि कथा और परमार्थ की बातें अपने अमीर मित्रों को सुनाकर देखों।
दो मिनट में आपको अपदस्थ कर देंगे।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 31, 2016
इसके साथ ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री मोदी से ट्विटर पर सवाल पूछते हुए कहा कि कहां है रिपोर्ट कार्ड? क्यों नहीं बताया कि कितना कालाधन आया? कितना अबतक बैंकों में जमा हुआ? कितनी नौकरी गयी? जीडीपी को कितना नुकसान हुआ?
कहाँ है रिपोर्ट कार्ड? क्यों नही बताया कि
कितना कालाधन आया?
कितना अबतक बैंकों में जमा हुआ?
कितनी नौकरी गई?
जीडीपी को कितना नुकसान हुआ?— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 31, 2016
राजद प्रमुख ने सवालों की झड़ी लगाते हुए ट्विटर पर सवाल किये कि मोदी ने क्यों नही बताया? Economy को कितना नुकसान हुआ? इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी? एफडीआई में कितनी गिरावट हुई? नये नोट छापने पर कितना खर्च हुआ? उन्होंने अपने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद ट्विटर पर कई ट्वीट करते हुए कहा कि 50 दिन-50 दिन चिल्लाने वाले ने डेडलाइन नहीं बतायी? प्रधानमंत्री का देश को सरेआम गुमराह करना शुभ संकेत नही है. ऐसे PM पदपर कोई भरोसा नहीं करेगा. आज का उबाऊ भाषण सबूत है कि PM ने भी नोटबंदी को फेल मान लिया है. उसका कहीं कोई जिक्र नहीं. अगर एक भी उपलब्धि होती, तो पीट-पीट कर ढोल फाड़ देते.
उन्होंने कहा कि मोदी जी इस शुद्धि यज्ञ में गरीबों की बलि चढ़ाने का अधिकार आपको किसने दिया है? दम है, तो कभी अपने पूंजीपति मित्रों से बलि और त्याग मांगकर देखो.
मोदी जी इस शुद्धि यज्ञ में गरीबों की बलि चढ़ाने का अधिकार आपको किसने दिया है? दम है तो कभी अपने पूँजीपति मित्रों से बलि और त्याग माँगकर देखो
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 31, 2016
सैंकड़ों लोगों की जान एवं 25 करोड़ लोगों की नौकरी खाने के बाद भी संवेदनहीन व हदयहीन #TwitterRaja ने एक शब्द अफसोस का भी नहीं कहा. उन्होंने ट्वीट किया कि टांय-टांय फिस. देश सोमवार से फिर लाइन में लगेगा. नववर्ष की संध्या पर इतना भाव-हीन, प्रभाव-हीन, उत्साह-हीन, घुटनों के बल रेंगता हुआ pre बजट भाषण.