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‘बिहार में नहीं रह गया सुशासन का कोई अर्थ’
पटना : हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं बिहार में जिस तेजी से बढ़ रही है, उसमें सुशासन का कोई अर्थ नहीं रह गया है. आम जनता भय और आतंक के साये में जीने को मजबूर है. सूबे का विधि व्यवस्था को लेकर उक्त बातें बुधवार को रालोसपा उपेंद्र गुट के राष्ट्रीय महासचिव महेन्द्र प्रताप […]
पटना : हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं बिहार में जिस तेजी से बढ़ रही है, उसमें सुशासन का कोई अर्थ नहीं रह गया है. आम जनता भय और आतंक के साये में जीने को मजबूर है. सूबे का विधि व्यवस्था को लेकर उक्त बातें बुधवार को रालोसपा उपेंद्र गुट के राष्ट्रीय महासचिव महेन्द्र प्रताप और प्रधान महासचिव सत्यानन्द दांगी ने कही.
उन्होंने कहा कि कटिहार-प्राणपुर प्रखंड के केवाला पैक्स अध्यक्ष पुत्र चितरंजन कुमार यादव की गला रेत कर हत्या और सुपौल-छातापुर के कटहारा पंचायत के शर्मा टोले में मामूली विवाद को लेकर चाचा द्वारा भतीजे की भाला घोंपकर हत्या आदि घटनाओं से स्पष्ट है कि अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ गया है. अपराधी तो अब वकीलों को भी नहीं बक्श रहे. पटना में सिविल कोर्ट के वकील सुनील सिंह की हत्या इसका सबूत है.
पुलिस-नक्सल गंठजोड़ का मामला भी लगातार सामने आ रहा है. इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए.
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