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जीविका सदस्यों की शौचालय निर्माण में भागीदारी
कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन के रूप में करेंगे काम, पहले चरण में 10 जिलों के 56 प्रखंडों में प्रयोग किया जा रहा पटना : स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में जीविका सदस्यों की जिम्मेवारी बढ़ेगी. जीविका सदस्यों को कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) के रूप में जिम्मेवारी सौंपी जायेगी. ये सदस्य गांव में लोगों के […]
कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन के रूप में करेंगे काम, पहले चरण में 10 जिलों के 56 प्रखंडों में प्रयोग किया जा रहा
पटना : स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में जीविका सदस्यों की जिम्मेवारी बढ़ेगी. जीविका सदस्यों को कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) के रूप में जिम्मेवारी सौंपी जायेगी.
ये सदस्य गांव में लोगों के बीच शौचालय निर्माण के लिए लोगों के बीच मांग पैदा करने का काम करेंगे. मांग को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन कराना और शौचालय निर्माण के लिए राशि की व्यवस्था कराने की जिम्मेवारी होगी. राज्य में पांच लाख 66 हजार स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं. एक समूह में 12 परिवारों के सदस्य जुड़े है.
लोहिया स्वच्छता अभियान के राज्य समन्यवक राजीव कुमार ने बताया कि शौचालय निर्माण में स्वयं सहायता समूहों द्वारा महत्वपूर्ण काम करना है. पहले चरण में मॉडल के रूप में 10 जिलों के 56 प्रखंडों में एक नया प्रयोग किया जा रहा है.
ये जिले हैं अरवल, बेगूसराय, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, पटना, कटिहार, नवादा और समस्तीपुर. स्वयं सहायता समूह के चयनित कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर समाज में शौचालय निर्माण कराने की जिम्मेवारी दी जायेगी. सबसे पहले प्रशिक्षित लोग समूह के सदस्यों के बीच यह जानकारी देंगे कि शौचालय निर्माण कराना कितना आवश्यक है. हर घर में शौचालय का निर्माण कराना है. जब महिलाएं शौचालय निर्माण की इच्छा जाहिर करें तो उसको मदद करना है. कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन द्वारा ग्राम संगठन से राशि उपलब्ध कराना या बैंक से ऋण की व्यवस्था कराने में सहयोग किया जायेगा.
मध्य बिहार ग्रामीण विकास बैंक के साथ जीविका के साथ शौचालय निर्माण के लिए ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है. साथ ही ग्राम संगठन द्वारा शौचालय निर्माण के लिए जमीन नहीं है तो उसके लिए सार्वजनिक स्थल पर जमीन उपलब्ध कराने में सहयोग किया जायेगा जिससे कि वहां पर शौचालय का निर्माण कराया जा सके. इस अभियान से वार्ड और पंचायत को खुले में शौच से मुक्त बनाने का कार्यक्रम आगे बढ़ेगा. व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए राशि लाभुक को सरकार की ओर से 12 हजार की आर्थिक मदद की जाती है. इसमें स्वच्छ भारत अभियान और लोहिया स्वच्छता अभियान से पैसे दिये जाते हैं. यह राशि पूरे वार्ड को खुले में शौच बनाने के बाद ही जारी की जाती है.
इसके पूर्व स्वयं सहायता समूह द्वारा ही आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है. राज्य में शौचालय निर्माण का काम अब गति पकड़ने लगा है. राज्य का बेलसंड अनुमंडल खुले में शौच से मुक्त हो चुका है. साथ ही सात प्रखंड जिसमें पश्चिम चंपारण जिला का पिपरासी, रो सीतामढ़ी जिला का बेलसंड, परसौनी और नानपुर खुले में शौच से मुक्त बना लिया गया है.
अब तक राज्य के 145 पंचायतों को भी खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है. इस वित्तीय वर्ष में राज्यभर में कुल 14 लाख शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभी तक इस वित्तीय वर्ष में में कुल दो लाख 62 हजार शौचालयों का निर्माण कराया गया है.
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