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पहले भी दो बार फंस चुके सचिव एसएम राजू

पटना. एससी-एसटी कल्याण विभाग के तत्कालीन सचिव एसएम राजू इससे पहले भी दो बार फंस चुके हैं, लेकिन दोनों मामलों में वह साफ तौर पर बच गये. करीब 10 साल पहले जब वह प्रतिनियुक्ति पर तमिलनाडु में तैनात थे, तब सीबीआइ ने उन्हें एक मामले में 25 लाख रुपये घूस लेते हुए पकड़ा था, लेकिन […]

पटना. एससी-एसटी कल्याण विभाग के तत्कालीन सचिव एसएम राजू इससे पहले भी दो बार फंस चुके हैं, लेकिन दोनों मामलों में वह साफ तौर पर बच गये. करीब 10 साल पहले जब वह प्रतिनियुक्ति पर तमिलनाडु में तैनात थे, तब सीबीआइ ने उन्हें एक मामले में 25 लाख रुपये घूस लेते हुए पकड़ा था, लेकिन कुछ समय तक मामला चलने के बाद उन्हें बरी कर दिया गया. आरोप लगने के बाद कुछ महीने बाद वह वापस बिहार लौट आये. इसके बाद वर्ष 2006-07 के दौरान दूसरी बारजब वह गया में डीडीसी के पद पर तैनात थे, तब उन पर जिला परिषद मार्केट के आवंटन में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी करने का आरोप लगा था. जांच के दौरान मार्केट के निर्माण और आवंटन में गड़बड़ी की बात भी सामने आयी थी.
उस समय यह मामला निगरानी में दर्ज भी किया गया था, लेकिन कुछ महीने बाद निगरानी ब्यूरो ने इस मुकदमे को वापस ले लिया. निगरानी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की. स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया कि आखिर किन कारणों से यह मामला वापस लिया गया था. इसके बाद चार-पांच पहले जब वह मुजफ्फरपुर में आयुक्त के पद पर तैनात थे, तब मनरेगा में वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी. यह कार्यक्रम काफी व्यापक स्तर पर चलाया गया था. इस दौरान करोड़ों पौधे लगाने की बात आयी थी और यह अभियान काफी चर्चित भी हुआ था. परंतु कुछ महीने बाद ही अधिकांश पौधे सूख गये या जितना दावा किया गया था, उतने पौधे लगे ही नहीं थे. इस मामले में भी उन पर कई तरह से आरोप लगे थे, लेकिन कुछ महीने बाद यह मामला भी दब गया. इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पायी.
इस बार तीसरी बार निगरानी ब्यूरो ने उन पर फिर से एससी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एफआइआर दर्ज किया है. इस बार एक बार उनके खिलाफ समन भी जारी किया जा चुका है, लेकिन राजू उपस्थित नहीं हुए. पता चला कि वह कहीं बाहर छुट्टी पर गये हुए हैं. इसके बाद उनके छुट्टी से लौटने का इंतजार किया जा रहा है. इस बार देखना है कि निगरानी की जांच में उन्हें कहां तक दोषी ठहराया जाता है.

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