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ब्लैकमनी को उजागर करने का मौका
पटना : बिहार और झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त एसटी अहमद ने कहा कि दोनों राज्यों में एक साथ 15 दिसंबर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू हो गयी है. इसके माध्यम से जिन लोगों ने अभी तक अपनी ब्लैक मनी को उजागर नहीं किया है, उनके लिए यह अंतिम मौका है. इसके बाद […]
पटना : बिहार और झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त एसटी अहमद ने कहा कि दोनों राज्यों में एक साथ 15 दिसंबर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू हो गयी है. इसके माध्यम से जिन लोगों ने अभी तक अपनी ब्लैक मनी को उजागर नहीं किया है, उनके लिए यह अंतिम मौका है. इसके बाद पकड़े जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. नोटबंदी की घोषणा के बाद भी कई लोग बैंक वालों की मदद से या अन्य कई तरह के माध्यमों से अपनी काली कमाई को सफेद करने की जुगत में लगे हैं. इस वजह से केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स कानून में संशोधन करके इस नयी योजना की शुरुआत की है.
इस योजना के तहत 31 मार्च, 2017 तक कोई भी अपनी अघोषित आय को बैंक खाता या पोस्ट ऑफिस के जरिये उजागर कर सकते हैं. अघोषित आय बताने वालों की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जायेगी. हालांकि इसमें किसी तरह के आपराधिक कार्य के जरिये कमाई गयी आय को उजागर करने की सुविधा नहीं होगी.
इस योजना की कुछ खास बातें
– किसी बैंक या डाक घर के खाते में अघोषित नकदी जमा की जा सकती है.
– किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत जमा किये गये कुल अघोषित आय में 25 प्रतिशत की राशि को अनिवार्य रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जमा योजना, 2016 में जमा करना होगा. जमा की गयी इस राशि को चार साल तक नहीं निकाल सकते हैं.
इसके अलावा शेष अघोषित राशि पर 30 प्रतिशत टैक्स, 33 प्रतिशत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण सेस और 10 प्रतिशत पेनाल्टी लगायी जायेगी. यानी कुल 73 प्रतिशत टैक्स के रूप में कट जायेंगे. इसके बाद संबंधित व्यक्ति की बची हुई राशि व्हाइट मानी जायेगी, जिसका उपयोग वह कर सकता है.
– इस योजना में घोषित की गयी आय किसी व्यक्ति के किसी वित्तीय वर्ष की वार्षिक आयकर रिटर्न के रूप में शामिल नहीं की जायेगी.
– योजना के तहत उजागर की गयी किसी तरह की अघोषित आय को किसी अधिनियम (मसलन केंद्रीय उत्पाद अधिनियम, धनकर अधिनियम, कंपनी अधिनियम समेत अन्य) के तहत साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य नहीं की जायेगी.
– इस योजना में तीन तरीके से अपनी ब्लैक मनी को जमा कर सकते हैं. पहला, किसी तरह के डिजिटल तरीके से. दूसरा, इलेक्ट्रोनिक वेरीफिकेशन कोड का उपयोग करके इलेक्ट्रानिक्ली ट्रांसमिशन के जरिये. तीसरा, कैश के रूप में.
– इस योजना की अधिक जानकारी के लिए आयकर विभाग की वेबसाइट- www.incometaxindia.gov.in पर संपर्क कर सकते हैं या ts.mapwal@nic.in पर मेल करके किसी तरह की समस्या के बारे में पूछ सकते हैं.
बॉक्स में….
पिछले साल की तुलना में एक लाख बड़े टैक्स दाता
बिहार और झारखंड में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में मौजूदा वित्तीय वर्ष 2016-17 में टैक्स देने वालों की संख्या में करीब एक लाख की बढ़ोतरी हुई है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में आठ लाख 95 हजार लोग आयकर देने वाले हैं.
दोनों राज्यों से 10 हजार 854 करोड़ टैक्स संग्रह करने का टारगेट है, जिसमें अब तक छह हजार 609 करोड़ जमा हो गये हैं. पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान नौ हजार 122 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा किये गये थे. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 15 फीसदी ज्यादा की ग्रोथ है. यह वृद्धि दर टैक्स संग्रह में राष्ट्रीय वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत से भी ज्यादा है. आयकर संग्रह में बिहार-झारखंड का ग्रोथ रेट मुंबई, दिल्ली से भी ज्यादा है.
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