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भाजपा नहीं होती तो सरकार घोटाले को दबा देती : मोदी
पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित सुशासन में दवा घोटाला, टॉपर घोटाला और अब दलित छात्रवृत्ति घोटाले का तांता कैसे लग गया. भाजपा ने अगर दलित छात्रवृत्ति घोटाले को उजागर नहीं किया होता तो शायद सरकार इस मामले को भी दबा […]
पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित सुशासन में दवा घोटाला, टॉपर घोटाला और अब दलित छात्रवृत्ति घोटाले का तांता कैसे लग गया. भाजपा ने अगर दलित छात्रवृत्ति घोटाले को उजागर नहीं किया होता तो शायद सरकार इस मामले को भी दबा देती. घोटाला उजागर होने के बाद घोटालेबाजों को गिरफ्तार करने के बजाये जहां सरकार ने दलितों की छात्रवृत्ति को एक लाख से घटा कर 15 हजार तक सीमित कर दिया.
इस वर्ष से तो छात्रवृत्ति योजना को ही बंद कर दिया है. मोदी ने कहा कि दलितों का वोट लेने के लिए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर 8 अगस्त, को पटना के मिलर हाइ स्कूल के मैदान में आयोजित ‘नामांकन मेला’ लगा. इसमें 100 से ज्यादा तकनीकी संस्थानों के स्टॉल लगा कर बिना किसी साक्षात्कार कराये सैकड़ों छात्रों का नामांकन करा दिया गया.
अभी तो मात्र एक कॉलेज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है जबकि 130 कॉलेजों में अनियमितता पायी गयी हैं. सरकार की मिलीभगत का ही परिणाम है कि इनमें से अधिकांश तकनीकी कॉलेजों की जांच गर्मी की छुट्टी के दौरान करायी गयी जब कथित नामांकित छात्र वहां नहीं मिले. कॉलेज प्रबंधकों को भी यह कहने का मौका मिल गया कि लड़के घर चले गये हैं. इतने बड़े घोटाले के बावजूद अब तक सरकार न तो किसी को गिरफ्तार कर पायी है और न ही किसी संस्थान से एक पैसे की वसूली कर पायी है.
घोटालेबाजों को गिरफ्तार व संस्थानों से पैसों की वसूली करने के बजाये छात्रवृत्ति की राशि घटा देने से वैध तरीके से नामांकन कराये सैकड़ों विद्यार्थियों को बीच में ही पढ़ाई छोड़ कर घर वापस आने के लिए विवश होना पड़ा है.
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