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आदेश के बावजूद प्राचार्य को पद से नहीं हटाया गया

माध्यमिक शिक्षा निदेशक का कार्रवाई का निर्देश पटना : आर्य कन्या उच्च विद्यालय नया टोला की प्रधानाध्यापिका के जाली प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से तीन दिनों के अंदर कार्रवाई करने की मांग की गयी थी. लेकिन आदेश के बावजूद अब तक स्कूल की प्रधानाध्यापिका को पद […]

माध्यमिक शिक्षा निदेशक का कार्रवाई का निर्देश
पटना : आर्य कन्या उच्च विद्यालय नया टोला की प्रधानाध्यापिका के जाली प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से तीन दिनों के अंदर कार्रवाई करने की मांग की गयी थी. लेकिन आदेश के बावजूद अब तक स्कूल की प्रधानाध्यापिका को पद से नहीं हटाया गया है. ऐसे में विभागीय निर्देश के बावजूद स्कूल की प्रधानाध्यापक नौकरी कर रही हैं.
नियुक्ति के दौरान प्रमाणपत्रों की नहीं हुई जांच : आर्य कन्या उच्च विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कुमारी लता की नियुक्ति के दौरान उनके प्रमाण पत्रों की जांच नहीं की गयी. मामला तब प्रकाश में आया जब आरटीआइ के तहत प्रधानाध्यापक के प्रमाणपत्रों की मांग की गयी. इसके बाद विभागीय जांच करायी गयी. जांच में पाया गया कि बीएड के प्रमाण पत्र जाली हैं. तीन दिनों में कार्रवाई करने की मांग की गयी.
नियुक्ति की प्रक्रिया : पटना जिले में अल्पसंख्यक विद्यालयों की संख्या 18 है. इनका संचालन सरकारी नॉर्मस के तहत अलग से प्रबंधन कमेटी द्वारा की जाती है. विद्यालय के शिक्षकों के वेतन का भुगतान शिक्षा विभाग द्वारा की जाती है, जो माध्यमिक शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा अनुमोदित किये जाते हैं. स्कूल में बच्चों की संख्या के आधार पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है. उसी आधार पर अलग-अलग स्कूलों में शिक्षकों के पद निर्धारित किये गये हैं. जब भी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है, तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि के पास सूचना भेजते हैं.
ताकि शिक्षकों के रिक्त पद भरे जा सकें. इसके बाद प्रशिक्षित शिक्षकों की अनिवार्यता के आधार पर विज्ञापन निकाला जाता है. आवेदन के आधार पर कमेटी की ओर से साक्षात्कार के बाद शिक्षकों का चयन किया जाता है. चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी प्रमाण पत्रों की जांच कर उसे माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पास अनुमोदित करते हैं. अनुमोदन के बाद वेतन का निर्धारण होता है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी एम दास ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आधार पर स्कूलों की जांच कराने के बाद रिपोर्ट भेज दी गयी है. साथ ही प्रधानाध्यापिका को पद से हटाने के लिए अल्पसंख्यक स्कूल के प्रबंधन कमेटी को पत्र भेज दिया गया है.
निदेशक की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई
विद्यालय के अध्यक्ष प्रेम रंजन पटेल से इस बाबत बात की गयी, तो उन्होंने डीइओ से पत्र मिलने की बात कही. साथ ही बताया कि इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा माध्यमिक शिक्षा निदेशक से रिपाेर्ट मांगी गयी है. उन्होंने कहा कि निदेशक की ओर से जो भी निर्णय लिया जायेगा. उसके बाद ही प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक कर प्रधानाध्यापक को पद से हटाया जायेगा.

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