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अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर शिकंजा कसने की चुनौती

आनंद तिवारी पटना : पटना सहित पूरे बिहार में स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते अल्ट्रासाउंड केंद्रों की गतिविधियों पर शिकंजा कसना चुनौती बनी हुई है. अल्ट्रासाउंड केंद्रों की मॉनीटरिंग तक नहीं की जा रही है. ऐसे में सरकार की भ्रूण परीक्षण की जांच पर लगाम कसने की मुहिम बस खाना-पूर्ति लग रही है. यही […]

आनंद तिवारी
पटना : पटना सहित पूरे बिहार में स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते अल्ट्रासाउंड केंद्रों की गतिविधियों पर शिकंजा कसना चुनौती बनी हुई है. अल्ट्रासाउंड केंद्रों की मॉनीटरिंग तक नहीं की जा रही है. ऐसे में सरकार की भ्रूण परीक्षण की जांच पर लगाम कसने की मुहिम बस खाना-पूर्ति लग रही है. यही वजह है कि अल्ट्रासाउंड संचालकों द्वारा लिंग परीक्षण की आड़ में खुलेआम गर्भपात का रैकेट चलाया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्ष पंजीकृत गर्भवती महिलाओं से अधिक महिलाओं के गर्भपात की पुष्टि हुई है. इसमें गर्भपात का मूल कारण गर्भ में बेटी का होना माना जा रहा है.
सिर्फ कागजों पर स्टिंग : अल्ट्रासाउंड केंद्रों की मनमानी रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई तरह की योजना बनायी थीं. इसमें अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर एक्टिव ट्रैकर लगाया जाये और अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर जो भी गर्भवती महिला आये उनका रिकाॅर्ड रखा जाये तथा सिविल सर्जन द्वारा अधिक से अधिक छापे मारे जाएं.
इतना ही नहीं केंद्रों की करतूत पकड़ने के लिए स्टिंग ऑपरेशन करने की योजना बनायी गयी थी. इसके तहत एक महिला को गर्भ में बेटा या बेटी का पता लगाने के लिए पैन कैमरा दिया जाना था और उस कैमरे के तहत अंदर की पूरी करतूत की रिकाॅर्डिंग करनी थी. इसके एवज में पांच हजार रुपये स्वास्थ्य विभाग उस महिला को देगा. लेकिन यह योजना भी सिर्फ कागजों में ही सिमट गयी.
इतना ही नहीं पिछले एक साल से छापेमारी भी नहीं हुई है. नतीजा अल्ट्रासाउंड केंद्रों की मनमानी पूरी तरह से बढ़ गयी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बिहार लिंगानुपात के मामले में 25वें स्थान है, जबकि राष्ट्रीय पुरुष-महिला का औसत प्रति एक हजार पुरुष पर 940 महिला है. पूरे बिहार में कुल 2020 अल्ट्रासाउंड केंद्र हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अक्तूबर से दिसंबर, 2015 के दौरान छह अल्ट्रासाउंड केंद्र बंद कराये. इसमें गोपालगंज के दो, पटना, भोजपुर, औरंगाबाद और नालंदा के एक-एक अल्ट्रासाउंड केंद्र थे.
बिना रजिस्ट्रेशन और नियम के विपरीत चलनेवाले कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर शिकंजा कसा गया है. मैंने खुद पटना के दो अल्ट्रासाउंड केंद्र पर छापा मारा था और उस सेंटर को सील किया था. संबंधित केंद्रों को खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में मामला भी दर्ज किया गया था. फिर से छापेमारी की योजना बन रही है.
डॉ उदय प्रताप, नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग

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