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मोती बाबू जैसे 12 और लोगों के खातों का चला पता, दिल्ली से भी ट्रांजेक्शन

पटना: गया के कॉटन टेक्सटाइल मिल मालिक मोती बाबू जैसे 12 और लोगों के बैंक खातों का पता चला है. ये सभी बैंक खाते अलग-अलग जिलों के बैंकों में हैं. इसमें पटना में सबसे ज्यादा पांच खाते हैं. इसके अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर समेत अन्य जिलों के भी खाते हैं. फिलहाल आयकर विभाग इन सभी खातों […]

पटना: गया के कॉटन टेक्सटाइल मिल मालिक मोती बाबू जैसे 12 और लोगों के बैंक खातों का पता चला है. ये सभी बैंक खाते अलग-अलग जिलों के बैंकों में हैं. इसमें पटना में सबसे ज्यादा पांच खाते हैं. इसके अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर समेत अन्य जिलों के भी खाते हैं. फिलहाल आयकर विभाग इन सभी खातों की जांच करने में जुटा हुआ है. जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. आयकर विभाग इसकी तैयारी में जुटा हुआ है. इसमें कई बैंक खातों में दिल्ली से भी करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन होने का सबूत मिला है.

आयकर विभाग इस मामले में दिल्ली और स्थानीय लिंक को पूरी तरह से खंगालने में लगा हुआ है. इसमें कुछ एकाउंट ऐसे भी हैं, जिनके जरिये नोटबंदी की घोषणा के बाद 8 और 9 नवंबर को सोने की खरीद की गयी है. ब्लैक मनी को व्हाइट करने की जुगत में यह खरीदारी की गयी है.

आयकर विभाग ने सोने-चांदी के दुकानदारों से प्राप्त डाटा का भी विश्लेषण तेज कर दिया है. इससे भी कुछ अहम सुराग मिले हैं. इसके आधार पर भी कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है. जिन ज्वेलर्स ने डाटा नहीं दिया है या जिन्होंने बिल में गलत नाम और पता के आधार पर सोने की बिक्री की है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है. आयकर विभाग फिलहाल उन अहम खरीदारी की डिटेल निकालने में लगा हुआ है, जिनमें बड़ी राशि से खरीद तो की गयी है, लेकिन इनमें खरीदार का नाम और पता सही नहीं है.
मोती बाबू के मामले की सीबीआइ जांच नहीं
आयकर विभाग के निदेशक (अन्वेषण) अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि मोती बाबू के मामले की जांच सीबीआइ से कराने की फिलहाल कोई अनुशंसा नहीं की गयी है. इसमें सीबीआइ से जांच कराने का कोई आधार नहीं बन रहा है. अब तक की जांच में इस मामले में कोई नक्सली लिंक भी नहीं मिला है. मोती बाबू ने 55 के आसपास बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये को ब्लैक से व्हाइट किया है. फर्जी एकाउंट के रूप में जिन लोगों के एकाउंट का उपयोग किया गया है, उनमें अधिकांश लोगों की जांच हो चुकी है. कुछ लोगों की जांच चल रही है. इसमें अधिकांश वैसे लोगों के खातों का ही उपयोग हुआ है, जिसमें खातेदार को इसके बारे में पता ही नहीं था. करीब 10 एकाउंट ऐसे भी मिले हैं, जिनमें सभी के गरांटर मोती बाबू ही थे. इस पूरे खेल में बैंक वालों की मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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