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22 तक कॉलोनियों की सूची दे निगम

सख्ती. आवासीय काॅलोनियों में कॉमर्शियल संस्थानों पर हाइकोर्ट नाराज पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी की आवासीय काॅलोनियों में चलने वाले कॉमर्शियल संस्थानों पर नाराजगी जाहिर की है. जस्टिस ए अमानुल्लाह की कोर्ट ने गुरुवार को पटना नगर निगम से ऐसे संस्थानों की सूची तलब की गयी है. कोर्ट ने निगम से कहा कि […]

सख्ती. आवासीय काॅलोनियों में कॉमर्शियल संस्थानों पर हाइकोर्ट नाराज
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी की आवासीय काॅलोनियों में चलने वाले कॉमर्शियल संस्थानों पर नाराजगी जाहिर की है. जस्टिस ए अमानुल्लाह की कोर्ट ने गुरुवार को पटना नगर निगम से ऐसे संस्थानों की सूची तलब की गयी है.
कोर्ट ने निगम से कहा कि वह 22 दिसंबर तक ऐसी आवासीय इमारतों और काॅलोनियों की सूची सौंपे, जिसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है. ऋषिकेश नारायण सिंह व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पूर्व में भी नरेंद्र मिश्रा बनाम अन्य याचिका में आवासीय काॅलोनियों के कॉमर्शियल उपयोग करने पर रोक लगायी गयी थी.
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि कंकड़बाग के एसएलडी अपार्टमेंट में एक फ्लैट युवकों को किराये पर दिया गया है. ये लड़के इमारत के पार्किंग स्पेस, सीढियां और खाली जगहों पर कब्जा जमा कर आपाधापी मचाये रहते हैं. इमारत के सामने एक बैंक की शाखा चल रही है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए तत्काल उक्त फ्लैट को खाली कराने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने फ्लैट खाली करवा दिया है, लेकिन, इससे कोर्ट की नाराजगी दूर नहीं हुई. कोर्ट ने कहा कि पूरी राजधानी में ऐसी जगह तलाश कर कोर्ट को सूचित करें जिनका कॉमर्शियल उपयोग किया जा रहा है.
वर्ष 2014 में व्यावसायिक सह कॉमर्शियल भवनों को सील करने का अभियान फिर शुरू हुआ. इसके तहत एसके पुरी के तीन आवासीय सह व्यावसायिक भवनों को सील किया गया. हालांकि अब तक निगम प्रशासन इन भवनों को अपने कब्ज में नहीं ले सकी है और मामला कोर्ट में चल रहा है.
वर्ष 2013 में एसके पुरी स्थित व्यावसायिक गतिविधि रोकने को लेकर संचालकों को नोटिस दिया गया. इसके बाद एसके पुरी चेक पोस्ट के समीप एक व्यावसायिक संस्थान को सील भी किया गया, लेकिन भारी विरोध के चलते एक दिन ही अभियान को बंद कर दिया गया.
कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन का जिम्मा डीएम को दिया गया
पटना. राज्य के कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन कराने की जिम्मेदारी सभी जिलाधिकारियों को दी गयी है. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोचिंग संस्थानों का निबंधन करना अनिवार्य है.
इसलिए एक महीना के अंदर अभियान चलाकर जिले में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों को निबंधन कराया जाये. इसके बाद कोचिंग संस्थानों के निबंधन का दस्तावेज विभाग को उपलब्ध कराया जाये. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे कोचिंग संस्थानों को बंद किया जायेगा.

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