इसमें बेलसंड, रून्नी सैदपुर और परसौनी प्रखंड शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसके पहले राज्य में पश्चिम चंपारण जिले का पिपरासी और रोहतास का संझौली प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है.
नालंदा के कुछ प्रखंड भी खुले में शौच से मुक्त होने के अंतिम पड़ाव पर हैं. कुछ पंचायत हैं जहां पर चंद घरों में शौचालय निर्माण नहीं होने के कारण प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त घोषित नहीं किया जा सका है. उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक 150 पंचायत खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. राज्य सरकार के लोहिया स्वच्छता अभियान और स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए लाभुक को 12 हजार आर्थिक मदद दी जाती है. इस साल चार लाख शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.