मुखिया ने बताया कि सोमवार को ग्रामसभा में जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना का विवादास्पद अलाइनमेंट व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुकों की चयन सूची को एजेंडे के तौर पर रखा गया था. जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना के लिये गैस ऑथोरिटी अॉफ इंडिया लिमिटेड की ओर से अक्तूबर, 2016 में बनाये गये अलाइनमेंट पर विचार किया गया. इसके बाद ग्रामीणों और पंचायतस्तरीय प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से अक्तूबर 2016 के अलाइनमेंट को खारिज कर दिया.
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ग्रामसभा .गांव के अंदर से नहीं जाने देंगे गैस पाइपलाइन
मोकामा: मरांची उत्तरी पंचायत ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया. पंचायत की ग्रामसभा ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना के अलाइनमेंट को खारिज कर दिया है. ग्रामीणों के अनुरोध पर मरांची उत्तरी पंचायत के मुखिया राम कुमार सिंह ने ग्रामसभा बुलायी थी. ग्रामसभा से पहले पूरे पंचायत में इसके आयोजन की […]
मोकामा: मरांची उत्तरी पंचायत ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया. पंचायत की ग्रामसभा ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना के अलाइनमेंट को खारिज कर दिया है. ग्रामीणों के अनुरोध पर मरांची उत्तरी पंचायत के मुखिया राम कुमार सिंह ने ग्रामसभा बुलायी थी. ग्रामसभा से पहले पूरे पंचायत में इसके आयोजन की सूचना दी गयी.
हालांकि, यह भी निर्णय लिया गया कि यदि गांव के बाहर से पाइपलाइन ले जाने का अलाइनमेंट बनाया जाता है, तो ग्रामीण न सिर्फ उसका समर्थन करेंगे. बल्कि, राज्य के लिए कल्याणकारी योजना पूरी करने में हरसंभव मदद भी करेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मरांची उत्तरी पंचायत को मिले मात्र 92 यूनिट आवास को भी एजेंडे के तौर पर शामिल किया गया था. पीएम आवास योजना के तहत बनायी गयी सूची को भी ग्रामसभा ने खारिज कर दिया. ग्रामसभा में मरांची उत्तरी पंचायत के सरपंच अजय सिंह, पैक्स अध्यक्ष कृष्ण कुमार, किसान नेता अरविंद सिंह, जदयू नेता पवन कुमार, अमर सिंह, पिंकू सिंह, भोला सिंह, मुन्ना कुमार, लुसी सिंह, कन्हैया व अशोक सहित अन्य मौजूद थे.
गांव से बाहर पाइपलाइन ले जाने पर बनी थी सहमति
चार दिसंबर को मरांची के ग्रामीण और किसानों ने परियोजना के लिए गिराये जा रहे पाइप के अनलोडिंग कार्य को रोक दिया और कहा था कि गांव के अंदर से पाइपलाइन ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती. बढ़ते तनाव के बाद पटना जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीओ सुब्रत कुमार सेन ने मरांची में ग्रामीणों, किसानों और गैस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अभियंताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें तय हुआ था कि गांव से बाहर कि जमीन के अधिग्रहण का अलाइनमेंट बनाया जाये और गांव से बाहर पाइपलाइन ले जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाये. एसडीएम ने ग्रामीणों, किसानों और गेल अभियंताओं के बीच जमीन अधिग्रहण पर सहमति नहीं बनने की स्थिति में कार्य स्थगित करने को भी कहा था. इसके बावजूद गेल का सर्वेयर गांव में पहुंच लोगों के बीच नोटिस बांटने लगा और सर्वे काम शुरू करने लगा. इस कारण लोग आक्रोशित हैं.
12000 करोड़ लागत वाली है परियोजना
जगदीशपुर हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से पूरी होगी. उत्तरप्रदेश के जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक तीन चरणों में पूरी होने वाली परियोजना ढ़ाई हजार किलोमीटर लंबी है. योजना के पहले चरण में उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद के फुलपुर से बिहार के गया डोभी तक परियोजना पूरी होगी. 755 किलोमीटर लंबी प्रथम चरण की परियोजना 320 करोड़ की लागत से पूरी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी जगदीशपुर हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना के प्रथम चरण वाले हिस्से से जुड़ेगा. योजना के दूसरे चरण में गया के डोभी से झारखंड के रांची बोकारो तक 12 सौ किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन परियोजना बनायी जायेगी. जगदीशपुर हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना से बिहार के बरौनी रिफाइनरी और बरौनी खाद कारखाना को भी गैस सप्लाई किया जायेगा. इसके अलावा जिन शहरों के पास से गैस पाइपलाइन परियोजना गुजरेगी उन शहरों को भी गैस की आपूर्ति के लिए इस पाइपलाइन की मदद ली जायेगी.
अकारण अलाइनमेंट बदलने से नाराज हैं किसान
पाइपलाइन परियोजना के लिए अक्तूबर 2015 में बनाये गये अलाइनमेंट को अचानक बदल दिये जाने से किसान नाराज हैं. गौरतलब है कि इस परियोजना के लिए अक्तूबर 2015 में बनाये गये अलाइनमेंट के अनुसार मरांची गांव के बाहर से पाइपलाइन को ले जाना था. इसके लिए लिए जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस उस अलाइनमेंट के आधार पर किया जा रहा था और जमीन के भू-अर्जन अधिकार के लिए गेल के अधिकारी आवश्यक कार्रवाई कर रहे थे. इसके बाद अक्तूबर 2016 में अचानक से अलाइनमेंट को बदल दिया गया और गांव के बीच से घुमावदार अलाइनमेंट बनाया गया. किसान नेता अरविंद सिंह का आरोप है कि परियोजना अधिनियम कानून का उल्लंघन कर आबादी और बस्ती के बीच से पाइपलाइन परियोजना ले जाने का अलाइनमेंट बनाया गया है. इसके अलावा मरांची गांव में पाइपलाइन को इतने घुमावदार रास्तों से गुजरना होगा कि परियोजना की दूरी भी बढ़ रही है, परियोजना का लागत खर्च भी बढ़ेगा और ग्रामीणों को काफी असुविधा भी होगी.
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