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गैर योजना मद के 50 फीसदी भी नहीं हुए काम
पटना : भवन निर्माण विभाग में गैर योजना मद के काम में लापरवाही दिख रही है. काम होने की रफ्तार जो होनी चाहिए उसकी गति सुस्त है. गैर योजना मद के काम संपन्न करने के लिए सभी भवन प्रमंडल को काम संपन्न करने के लिए राशि आवंटित हुई है. भवन प्रमंडलों को जो राशि मिली […]
पटना : भवन निर्माण विभाग में गैर योजना मद के काम में लापरवाही दिख रही है. काम होने की रफ्तार जो होनी चाहिए उसकी गति सुस्त है. गैर योजना मद के काम संपन्न करने के लिए सभी भवन प्रमंडल को काम संपन्न करने के लिए राशि आवंटित हुई है. भवन प्रमंडलों को जो राशि मिली है उस राशि में 50 फीसदी से कम राशि की निकासी हुई है. इससे स्पष्ट है कि गैर योजना मद में 50 फीसदी से कम काम संपन्न हुआ है.
विभाग के निर्देशानुसार गैर योजना मद में दिसंबर माह तक सारे काम हो जाना चाहिए. दिसंबर माह के समाप्त होने में मात्र 20 दिन शेष है. ऐसे में बचे हुए काम पूरा हाेना संभव नहीं है. यानि भवन प्रमंडलों द्वारा गैर योजना मद के लिए आवंटित राशि का 50 फीसदी भी खर्च नहीं हुआ है. भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने गैर योजना मद में काम लंबित रहने के मामले में अभियंताओं की खिंचाई की है.अभियंताओं को इस माह तक लंबित काम पूरा करने के लिए कहा गया है.
50 फीसदी से कम खर्च हुई राशि
जानकारों के अनुसार गैर योजना मद में लगभग 103 कराेड़ राशि आवंटित हुई. जबकि मात्र 40 करोड़ ही खर्च हुआ है. निर्धारित काम का 50 फीसदी से कम काम संपन्न हुआ है. विभाग द्वारा बार निर्देश दिया गया कि राशि के उपयोग में तेजी लायी जाये. इसके बावजूद काम संपन्न कर राशि खर्च करने में सुधार नहीं हो रहा है. भवन प्रमंडलों को जारी राशि के अनुसार औरंगाबाद 95 लाख में 23 लाख, बांका 130 लाख में 19 लाख, बेगूसराय 93 लाख में पांच लाख, बेतिया 187 लाख में 53, भभुआ 137 लाख में 16 लाख, भागलपुर 666 लाख में 77 लाख, दरभंगा 407 लाख में 137 लाख, गोपालगंज 124 लाख में सात लाख, लखीसराय 60 लाख में मात्र 98 हजार खर्च हुआ.
राशि खर्च नहीं करनेवाले पर लगेगा अंकुश
गैर योजना मद के सारे काम दिसंबर तक पूरा कर लेने का प्रावधान है. इसके बावजूद काम लंबित रहा. विभाग ने निर्णय लिया है कि जिस भवन प्रमंडल में राशि खर्च करने की गति धीमी है.
उक्त भवन प्रमंडल को अब राशि नहीं मिलेगी. गैर योजना मद में भवनों का प्लास्टर, चूना पुताई का काम, टूटे हुए खिड़की,दरवाजा आदि लगाना सहित अन्य काम शामिल है. जानकारों के अनुसार बरसात के बाद काम शुरू होने की वजह से देरी होती है. इससे पूरी राशि खर्च नहीं होती है.
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