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अधीक्षक ने मारपीट को बताया सही, जाति सूचक बयान को किया खारिज
पटना. 16 नवंबर को पीएमसीएच में प्रिंसिपल और जूनियर डॉक्टर के बीच हुई मारपीट के मामले को अस्पताल के अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने सही बताया है. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के वीडियो को सही बताया है और पहला थप्पड़ प्रिंसिपल की ओर से मारने की बात कहीं है. दरअसल प्रिंसिपल प्रो एसएन सिन्हा और जूनियर […]
पटना. 16 नवंबर को पीएमसीएच में प्रिंसिपल और जूनियर डॉक्टर के बीच हुई मारपीट के मामले को अस्पताल के अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने सही बताया है. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के वीडियो को सही बताया है और पहला थप्पड़ प्रिंसिपल की ओर से मारने की बात कहीं है.
दरअसल प्रिंसिपल प्रो एसएन सिन्हा और जूनियर डॉक्टर डॉ आलोक कुमार के बीच हुई मारपीट के मामले में अस्पताल के अधीक्षक और दोनों उपाधीक्षकों ने जूनियर डॉक्टर के आरोप को सही बताया है. हालांकि, अधीक्षक ने जाति सूचक शब्द को खारिज कर दिया है. तीनों पदाधिकारियों ने आइएमए की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी को लिखित में बयान दिया है. जिसमें छात्र की ओर से घटना स्थल पर लगाये गये जाति सूचक शब्द कहने के आरोप को निराधार बताया है. आठ दिसंबर को जूनियर डॉक्टर जांच कमेटी के समक्ष उपस्थति नहीं हुआ, इसीलिए कमेटी ने उसे 13 दिसंबर को बयान के लिए बुलाया है.
आइएमए की रिपोर्ट में : 8 दिसंबर को इस मामले में कैप्टन डॉ
विजय शंकर सिंह की अध्यक्षता में आइएमए में जांच कमेटी की बैठक बुलायी गयी. इसमें प्रिंसिपल प्रो एसएन सिन्हा ने घटना के समय उपस्थित पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद, उपाधीक्षक रंजीत कुमार जमुयार और डॉ दीपक टंडन के साथ-साथ दूसरे पक्ष के डॉ आलोक कुमार को बुलाया गया था. डॉ आलोक का बयान दर्ज करने के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया. लेकिन वे फोन नहीं उठाये. इसीलिए जांच कमेटी अंतरिम रिपोर्ट दे रही है.
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